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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /403 श्री बाबूलाल दोशी . आगरा के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं श्री गणेश प्रसाद जी वर्णी के सानिध्य में रहकर जान का प्रचार प्रसार करने वाले श्री गुलाबचंद जी दोशी के सुपुत्र श्री बाबूलाल जी दोशी भी सामाजिक कार्यों में अपने पिताश्री के आदर्शों में चल रहे हैं। आपका जन्म आगरा में भादवा सुदी 3 संवत् 1971 को हुआ सामान्य शिक्षा प्राप्त करने या पश्चात् आप व्यवसाय में लग गये । करीब 25 वर्ष पूर्व आप लोग आगरा छोड़कर कोटा आकर रहने लगे और फिर वहीं के हो गये । आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री ललित कुमार बैंक में अधिकारी हैं तथा द्वितीय पुत्र श्री महेन्द्र दोशी सेल्स आफिसर हैं। दोशी जी बड़े धार्मिक हैं । जब आपके पिताजी श्री गुलाबचंद जी दोशी को आगरा जैन समाज ने दि. 11 जनवरी सन् 1959 को अभिनंदन पत्र भेंट किया था तो उसमें आपको भी धर्मात्मा, सदाचारी,दानी शब्द से उल्लेख किया था। पता :- रिपब्लिक ट्रेडिंग कम्पनी,186 शापिंग सेन्टर, कोटा श्री फूलचन्द सोगानी भवानीमंडी जैन समाज के प्रसिद्ध समाजसेवी श्री फूलचन्द सौगानी का जन्म कार्तिक बुदी अष्टमी संवत् 1970 को हुआ | आपके पिताजी श्री मोहरोलाल जी एवं माताजी श्रीमती गुलाबबाई का बहुत पहिले स्वर्गवास हो चुका है । संवत् 2000 में आपका विवाह पुष्पाबाई से हुआ 1 जिनसे आपको एक पुत्री इन्द्र बाई की प्राप्ति हुई। श्री सौगानी जी दि.जैन अ.क्षेत्र चांदखेडी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं तथा वर्तमान में कार्यकारिणी सदस्य हैं। भवानीमंडी नगरपालिका के स्टेट टाइम में तीन वर्ष तक सदस्य रहे थे। यहां के जैन समाज के अर्थमंत्री हैं। आपके द्वारा चांदखेडी अतिशय क्षेत्र पर एक कमरे का निर्माण करवाया तथा पिड़ावा धर्मशाला के निर्माण में आर्थिक सहयोग दिया। मुनि भक्त हैं आपकी पत्नी दशलक्षण क्त के उपत्रास, अष्टाह्निका व्रत के उपवास एवं अन्य उपवास कर चुकी है। पता :- शिवनारायण द्वारकादास, भवानीमंडी (झालावाड़) स्व. श्री मदनमोहन कासलीवाल बूंदी के नगर सेठ स्व.श्री मदनमोहन जी कासलीवाल अपने युग के हाडौती प्रदेश के । सर्वाधिक प्रतिष्ठित सेठ थे । उनका सामाजिक जीवन समाज के लिये मार्गदर्शक रहा । उनके पूर्वजों की परम्परा में सर्वप्रथम श्री दौलतराम जी बूंदी कमाने खाने गये। उनके कोई संतान नहीं होने से गगराणा से कुन्दनमल जी के गोद आये । इन्होंने दो विवाह किये । प्रथम पत्नी से सौभागमल जी राजमलजी एवं गाढमल जी हुये तथा दूसरी पत्नी से नेमीचन्द जीएवं मदन मोहन । जी हुए। उनका जन्म जेठ सुटी ।। शुक्रवार संवत् 1:462 में हुआ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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