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________________ 402 / जैन समाज का वृहद् इतिहास कोटा में बस गये हैं। श्री प्रकाश चन्द्र पान्ड्या अपनी सामाजिक सेवाओं के लिये ख्याति प्राप्त श्रेष्ठी हैं आपका जन्म 20 अप्रेल . 1924 को बंगाल में हुआ है आपने इन्टर तक गोहाटी में बंगला भाषा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की 1 92 वर्षीय आपको माताजी श्रीमती बाली देवी का अभी भी आशीर्वाद प्राप्त है। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती इन्द्रमणी देवी का अभी जनवरी 1991 में स्वर्गवास हो गया आपके एक पुत्र श्री देवेन्द्रकुमार पान्ड्या है जिनका विवाह श्रीमती शकुन्तला देवी से हुआ है तथा इनके दो पुत्र श्री वीरेन्द्र व श्री जितेन्द्र तथा एक पुत्री कुमारी पूजा है तथा चार पुत्रियां श्रीमती तारामणी देवी सेठी तिनसुकिया, श्रीमती सरला देवी चांदवाड़ झालरापाटन, श्रीमती सरितादेवी छाबड़ा गोहाटी तथा श्रीमती बबिता देवी कासलीवाल मद्रास है। सुजानगढ़ में रहते हुये श्री प्रकाश जी वहां की समाज के तथा संस्थाओं के अध्यक्ष थे। आप वर्तमान में श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चादखेड़ी के अध्यक्ष हैं दिगम्बर जैन समाज शॉपिंग सेटर कोटा के भी अध्यक्ष हैं। भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा से भी जुड़े हुये हैं एवं कोटा की बहुत सी संस्थाओं से भी जुड़े हुये हैं। आप धार्मिक प्रवृत्ति के सरल मधुरभाषी एवं आतिथ्य सेवी हैं। कोटा में पैट्रोल पम्प है I पता:- प्रकाशदीप 410, शॉपिंग सेंटर, कोटा (राज.) श्री प्रतापचंद रावका कोटा नगर की अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुये श्री प्रतापचंद जी रांवका का जन्म 13 दिसम्बर सन् 1930 को हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री नेमीचंद रावका है। समाजसेवी हैं । माताजी श्रीमती कंचनबाई का स्वर्गवास हो चुका है। आप आगरा विश्वविद्यालय से सन् 1954 में एम.ए. अर्थशास्त्र करने के पश्चात् फिर मेटिरियल की ठेकेदारी का कार्य करने लगे। 4 मार्च सन् 1952 में आपका विवाह सुश्री विनोदकुमारी के साथ संपन्न हुआ। आपको तीन पुत्रों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। तीनों पुत्रों का विवाह हो चुका है। ज्येष्ठ पुत्र विपिन बी.ए. एवं प्रमोद बी.एस.सी. हैं। तीनों ही पुत्र व्यापार में लगे हुये हैं। श्री रावका जी ने सन् 1974 में कोटा में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह में तथा मन् 1980 में रामगंजमंडी पंचकल्याणक के महामंत्री रहकर अच्छा कार्य किया। आप सन् 1981 में यात्रा संघ का नेतृत्व कर चुके हैं। कोटा में आयोजित होने वाले सभी सामाजिक समारोहों का संयोजन करते रहते हैं। 26 जनवरी 86 को कोटा में आयोजित दि. जैन युवा परिषद की ओर से आपको अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया था तथा श्रावक श्रेष्ठी की उपाधि से अलंकृत किया । उपाध्याय योगीन्द्र सागर जी महाराज के चातुर्मास समिति के प्रधानमंत्री रहे। भगवान महावीर 2500 वां निर्वाण महोत्सव समिति द्वारा आपको स्वर्णपदक से सम्मानित किया था। उत्साही कार्यकर्ता हैं। सभा समारोह आयोजित करने में दक्ष हैं। नटराज कला केन्द्र के अध्यक्ष हैं तथा विद्यार्थी जीवन में बालीबाल के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। 1952 में आपको बैस्ट फोटोग्राफी का भी अवार्ड मिल चुका है। पता :- 579 चिमन होटल के पीछे, नयापुरा, कोटा
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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