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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /371 श्री भागचन्द जैन, एडवोकेट विक्षिसागर जी महा बिलाला गोत्रीय श्री भागचन्द जी जैन राजस्थान के प्रसिद्ध समाज सेवी एडवोकेट हैं । वे जुझारू प्रकृति एवम् प्रगतिशील विचारों के हैं। आप राजस्थान एवम् टौंक जिले की । अनेक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। आपका जन्म पोष बुदी 1 बुधवार सम्वत् 1992 को निवाई कस्बे में हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री कपरचन्द जी एवम माताजी श्रीमती कंचन देवी हैं । पाता जी का स्वर्गवास इनके वाल्यकाल में ही हो चुका है । सन् 1952 में आपका विवाह सुश्री लाड देवी के साथ ग्राम रजवास में सम्पन्न हुआ। आपने एम.ए, एल.एल.बी. की शिक्षा प्राप्ति के पश्चात् वकालत प्रारम्भ की और उसमें पर्याप्त सफलता प्राप्त की। श्री भागचन्द जी सपत्नीक सभी तीर्थों को वन्दना दो बार कर चुके हैं तथा पक्के धार्मिक विचारों के हैं। राजनैतिक एवं सामाजिक कार्यों में अग्रणी आप उत्साही एवम कर्मठ व्यक्तित्व के धनी हैं। आप राजस्थान विश्वविद्यालय के सन् 1983 से सन् 1988 तक सीनेटर रहे हैं । महावीर इन्टरनेशनल टोंक के कार्याध्यक्ष एवम् मन्त्री रह चुके हैं। महावीर मात शिशु कल्याण केन्द्र टोंक एवम् अस्पताल धर्मशाला टोंक एवम् महावीर पार्क टोंक का निर्माण आपके संयोजकत्व में हुआ है। भगवान महावीर 2500 वां निर्वाण महोत्सव समिति एवम् तीर्थ वन्दना रथ प्रवर्तन समिति के टोंक जिले के मंत्री रहे तथा स्वर्ण पदक से सम्मानित हुये हैं । दिगम्बर जैन परिषद् ,भारत वर्षीय दिगम्बर जैन महासमिति एनम राजस्थान समिति की कार्यकारिणी के सदस्य हैं । टैगोर बाल शिक्षण समिति टोंक जिला के सचिव हैं । लायन्स क्लब टौंक के अध्यक्ष रहे हैं। राजस्थान दिगम्बर जैन सामूहिक विवाह समिति के आप अध्यक्ष हैं । प्रारम्भ से ही आप कांपेस की विचारधारा के है और गत 240 वर्ष से जिले के महामन्त्री हैं । अपनी सर्वतोमुखी प्रतिभा एवम् परिश्रम से आप प्रत्येक सामाजिक एवम् धार्मिक कार्य में पूरा योगदान देते व नेतृत्व करते रहे हैं। श्री भागचंद टोंग्या निवाई के प्रसिद्ध टोंग्या परिवार में जन्में श्रीमागचंद जी टोंग्याको समाज में विशिष्ट म्यान प्राप्त है। आपके पिताजी श्री जीवणलाल जी टोंग्या भी अपने समय के समाज प्रमुख थे तथा अपनी सेवा, उदारता एवं सहयोग की भावना के लिये ख्याति प्राप्त थे । प्रस्तुत पुस्तक के .. लेखक पर उनका महज स्नेह रहा । इनका स्वर्गवास दि. 12 मई,78 को हुआ था। आपकी माताजी नाथी बाई का भी स्वर्गवास हो चुका है। अपने पिता के पदचिन्हों पर चल रहे श्री भागचंद जी अपने पिता की गति में वृद्धि कर रहे हैं। आपका जन्म भादवा सुदी 13 संवत् 1990 को हुआ । मैटिक पास करने के पश्चात आप व्यापार की ओर चले गये । संवत् 2006 ज्येष्ठ सुदी ! को आपका विवाह किशनगढ़ मदनगंज की सुश्री पतासी देवी के साथ संपन्न हुआ। जिनसे आपको एक पुत्र तथा चार पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके पुत्र देवेन्द्र कुमार बी.ए. हैं तथा कोटा में ट्रांसपोर्ट का कार्य करते हैं । वह कोटा ट्रक आपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष रह चुके हैं इनके एक सुपुत्र चि. अमन एवम एक सपत्री सौ.राशी टोया है। श्री देवेन्द्र कमार की शादी जयपर निवासी मप्रसिद्ध समाजसेवी स्व.भागचंद जी अजमेरा की सुपुत्रो सौ.उर्मिला से हुआ है । सभी पुत्रियों विमला,शिमला,उर्मिला एवं मीना का विवाह हो चुका है।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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