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________________ 342/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री चिरंजीलाल कासलीवाल दौसा जिले में प्रसिद्ध समाज एवं देशभक्त श्री चिरंजीलाल जी कासलीवाल प्रस्तुत इतिहास लेखक के ज्येष्ठ भाता है। आपका जन्म आसोज सुदी 14 संवत् 1970 को हुआ था। पिताजी श्री गैंदीलाल जी भी दयालु प्रकृति के एवं धार्मिक गुणों से संपन्न थे । आपका निधन 5 दिसम्बर सन 1968 को हुआ । माताजी गेखा बाई का स्वर्गवास तो बहुत पहिले हो गया था । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आप पिताजी के साथ वस्त्र व्यवसाय एवं लेनदेन का कार्य करने लगे। आपका विवाह छारड़ा निवासी श्री धूरामल जो पाटनी की सुपुत्री नारंगीदेवो के साथ संपन्न हुआ । अनोख, सुशीला, विमला एवं कालला चार पुत्रिया एवं महावीर कुमार प्रकाशचंद एवं देवेन्द्र तीन पुत्रों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । सभी पुत्र एवं पुत्रियों का विवाह हो चुका है। सर्व श्री महावीर कुमार सैथल में कपड़े का व्यवसाय करते हैं। श्री प्रकाशचंद खेती के अतिरिक्त खानों का व्यवसाय करते हैं । आप राजनैतिक कार्यकर्ता हैं तथा कोआपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष हैं । देवेन्द्र कुमार जयपुर में बैंक सेवा में है । श्री महावीर कुमार श्री देवेन्द्र कुमार श्री कासलीवाल जी अपने क्षेत्र के प्रभावशील व्यक्ति है । स्वाध्याय प्रेमी हैं । जैन पुस्तकों को पढ़ने की बचपन से ही रुचि रही है । सैंथल जैन समाज के अध्यक्ष हैं। ग्राम पंचायत सैंथल के उपसरपंच एवं सदस्य रह चुके हैं। पता : चिरंजीलाल महावीर कुमार जैन सैंथल (जयपुर)
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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