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336/ जैन समाज का बृहद् इतिहास
है
। चाकसू तहसील में चाकसू, शिवदासपुरा, चंदलाई, कोटखावदा, रूपाडी में फिर भी जैन घरों की अच्छी बस्ती है शेष गांवों में जैन समाज की स्थिति विशेष अच्छी नहीं है। दि. जैन अतिशय क्षेत्र पदमपुरा चाकसू तहसील में ही है। लालसोट तहसील में लालसोट में 40 एवं बगड़ी में 15 जैन परिवार रहते हैं। बगड़ी में सभी परिवार अग्रवाल जैन हैं । इस प्रकार जयपुर जिला एवं दौसा जिले में जैन समाज सांगानेर एवं जयपुर के अतिरिक्त अन्यत्र एक ही ग्राम में 1000 परिवारों से अधिक नहीं मिलते फिर भी दोनों जिलों में जैन समाज का व्यापक प्रभाव है तथा शिक्षा एवं व्यापार की दृष्टि से वह सबसे आगे है। प्राचीन एवं कलापूर्ण मन्दिरों की दृष्टि से भी दोनों जिले महत्वपूर्ण हैं । विगत 50 वर्षों से दि. जैन मन्दिर पदमपुरा एक नया दि जैन अतिशय क्षेत्र के रूप में उभर कर आया है । यहां का मन्दिर निर्माण जब पूरा हो जावेगा तब फिर यह राजस्थान में ही नहीं किन्तु पूरे उत्तरी भारत में अपने ढंग का अकेला मन्दिर होगा। भगवान पदमप्रभु की अतिशय मूर्ति के दर्शनार्थ जैन ही नहीं किन्तु जैनेतर समाज भी अच्छी संख्या में जाता है।
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जयपुर जिले में सांभर जैन समाज के एक सदस्य माननीय श्री मिलापचन्द जी जैन देहली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति पद से सेवा निवृत्त हुए हैं।
1
यशस्वी समाज सेवी
1.
2.
श्री कपूरचन्द कासलीवाल
श्री कपूरचन्द, चिरंजीलाल, कैलाशचन्द
बड़जात्या
श्री कैलाशचन्द काला
श्री कल्याणमल पाटनी
3.
4.
5.
श्री कल्याणमल बोहरा
6.
श्री गम्भीरमल बड़जात्या
7.
श्री गुलाबचन्द गंगवाल
8.
श्री चिरंजीलाल कासलीवाल
9.
श्री चिरंजीलाल सौगानी
10. श्री जमनालाल पाटनी
11. श्री ताराचन्द दोषी जैन
12. श्री दुलीचन्द पाटोदी 13. श्री धर्मचन्द लुहाड़िया
14.
15.
16.
17.
18.
श्री नेमीचन्द बाकलीवाल
श्री पदमचन्द चौधरी
श्री पांचूलाल जैन पांड्या
श्री प्रकाशचन्द काला
श्री प्रकाशचन्द जैन पांड्या
श्री पूर्णचन्द जैन बड़जात्या
श्री प्रभातीलाल कासलीवाल
19.
20.
21. श्री मिलापचन्द काला
22. श्री मूलचन्द बड़जात्या
23.
श्री रतनलाल बोहरा
24.
श्री सुगनचन्द पाटनी 25. श्री सौभागमल चौधरी