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जयपुर नगर का जैन समाज /307
श्रीमती भाग्यवती से हुआ । इन्होंने विद्या विनोदनी परीक्षा पास की। आपको दो पुत्र एवं एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ लेकिन आपके ज्येष्ठ पुत्र निर्मल कुमार सोनी चीफ इन्जीनियर प्रोडक्शन के पद पर गुडगावां में कार्यरत होते दि. 27-2-91 को 46 वर्ष के आयु में आकस्मिक निधन हो गया । आपके छोटे पुर्व डॉ.विनय काम...अपने निजीकिसालय में कार्यरत हैं और अल्प समय में ही चार वर्ष विदेश का अनुभव प्राप्त कर समाज में अच्छी प्रसिद्धि पर है । आपकी एकमात्र पुत्री प्रमिला का विवाह डा.रवि जैन एम.एस.के साथ हुआ है ।'
श्री सोनी श्री वीर सेवक मण्डल के वर्षों से सक्रिय सदस्य हैं। पर्याप्त समय तक आप इसके सैक्रेटेरी एवं दलपति रहे एवं मण्डल की स्वर्ण जयन्ती का आयोजन आपके ही मंत्रित्वकाल में सफलता पूर्वक आयोजित हुआ। आपने धर्म-पत्नी के साथ सभी तीर्थों की यात्रा सम्पन्न कर ली है । आचार्य सूर्यसागर जी महाराज के आप काफी निकट रहे । वर्तमान में आचार्य विद्यानन्द
से काफी सम्पर्क हैं तथा श्रवण बेलगोला में महामस्तकाभिषेक के अवसर पर उनके सत्र से वीर सेवक मंडल के स्वयं सेवकों को ले जाकर मेले में यात्रियों एवं साध समाज की व्यवस्था का कार्य दलपति पद के रूप में सम्पादन किया।
पत्ता : 449. नाटानियों का रास्ता,जयपुर । श्री राजेन्द्र कुमार बाकलीवाल
भूतपूर्व जयपुर स्टेट की जमवारामगढ़ तहसील के छोटे से गांव लांगडीवास में दि. 27-12-1937 को जन्में श्री राजेन्द्र जी वर्तमान में केन्द्रीय विद्यालय संगठन बम्बई संभाग में सहायक आयुक्त पद पर आसीन हैं । अपनी तहसील के जाने माने उदारमना व्यक्तित्व स्व.सेठ श्री गुलाब चंद जी बाकलीवाल के सुपुत्र श्री बाकलीवाल को कर्तव्यनिष्ठा,सहृदयता,आत्मीयता तथा धर्मानुराग विरासत में मिला है। आपने गणित जैसे जटिल विषय में स्नातकोत्तर योग्यता प्राप्त करके अध्यापन कार्य को चुना जबकि उनको जैसी योग्यता वाले व्यक्ति को लौकिक प्रगति और समृद्धि के दूसरे दरवाजे भी खुले थे । भारत सरकार ने उन्हें सेफील्ड (इंगलैण्ड) में स्कूल मैनेजमेन्ट की ट्रेनिंग के लिये सन् 1976 में भेजा । अपनी लगन और योग्यता के बल पर वे निरन्तर उन्नति करते गये और अपेक्षाकृत कम आयु में ही प्राचार्य शिक्षाधिकारी जैसे पदों पर रहते हुये आज शिक्षा जगत् में एक उच्च अधिकारी ही नहीं बल्कि एक जाने माने व्यक्तित्व हैं । आपके अधीन महाराष्ट्र ,गोवा एवं कर्नाटक प्रान्तों के करीब 50 केन्द्रीय विद्यालय हैं और यह आपके व्यक्तित्व का प्रभाव है कि देश के 15 संभागों में बंबई संभाग शिक्षा एवं अन्य इतर गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
श्री राजेन्द्र जी के भरेपूरे परिवार में उनकी पत्नी सुशीला देवी के 2 पुत्र एवं 3 पुत्रियां हैं । ज्येष्ट पुत्र नरेन्द्र एम.ए. और कनिष्ठ पुत्र नवीन बी.एस.सी. डिप्लोमा होल्डर तथा जयपुर में कार्यरत रेखा जैन बी.ए. बी. एड. मझली रेणु एम.एस.सी.,बी. एड. तथा छोटी रश्मि बी.ए. बी.एड. है। दोनों पुत्रों तथा दो पुत्रियों का विवाह संपत्र हो चुका है।
श्री राजेन्द्र जी बाकलीवाल शिक्षा के प्रति समर्पित व्यक्तित्व है । सरल,मृदुभाषी,आडम्बर हीन सहज, सौम्य एवं कर्मठ व्यक्तित्व के धनी श्री जैन से सैकड़ों कर्मचारी प्रभावित हुये हैं । शिक्षा जगत को उनसे बड़ी आशायें हैं तथा सम्पूर्ण जैन समाज को उन पर गर्व है।
पता : पंडित शिवदीन जी का रास्ता,किशनपोल बाजार, जयपुर ।