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जयपुर नगर का जैन समाज/295
बड़जात्या चौमूं वाले की सुपुत्री कमला देवी के साथ हुआ। आपको एक पुत्र राकेश एवं चार पुत्रियां विजयलक्ष्मी, राजलक्ष्मी, जयश्री एवं रेणु के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। सभी का विवाह हो चुका है। श्री राकेश कुमार एम कॉम हैं। उनकी पत्नी का नाम रेणु है जो बी.कॉम हैं तथा अशोक कासलीवाल की पुत्री हैं।
आपको पत्नी श्रीमती कमला देवी भी सामाजिक कार्यों में भाग लेती है तथा महिला जागृति संघ की सक्रिय सदस्या हैं। एक बार आपके द्वारा नेत्र चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया गया था 1 आप दोनों से ही समाज को बड़ी आशायें हैं।
पता : बी 125, सेठी कालोनी, आग; रोड,जयपुर।
पं. मिश्रीलाल साह शास्त्री
वयोवृद्ध विद्वान पं.मिश्रीलाल जी साह का जन्म माध बुदी 13 सं.1969 को हुआ | आपके पिताजी श्री छीतरमल जी केकड़ी निवासी थे तथा मुनीम कहलाते थे। आपकी माता का नाम मोती बाई था । सोलापुर परीक्षालय की शास्त्री परीक्षा पास करने के पश्चात् आप धार्मिक शिक्षण एवं विधि विधान कराने लगे और नैणवां,नागौर, सुजानगढ,कुचामन सिटी, पदमपुरा, लाडनू आदि में रहकर बच्चों को धार्मिक शिक्षा देने तथा पंडिताई करने का कार्य संपन्न किया। संवत् 1984 में आपका विवाह श्रीमती गुलाबबाई से हो गया। आपको चार पुत्रों सर्व श्री सुमत्तिचन्द, सूरजमल,माणकचंद एवं महेन्द्रकुमार की प्राप्ति हुई। सभी पुत्र उच्च शिक्षित हैं तथा अच्छे पदों पर कार्यरत हैं।
शास्त्री जी मुनिभक्त हैं। आर्षमार्गानुयायी हैं तथा शास्त्र प्रवचन में दक्ष हैं। आपने वीर निर्वाण संवत् 2505 वै.शु.7 को जयपुर के लश्कर के मंदिर में भगवान महावीर की 5 अंगुल सर्वधातु की प्रतिमा पूरे पुत्र पौत्रों की उपस्थिति में विराजमान को थी।
श्री माणकचंद बज
टॉक (राजस्थान) में चैत्र शुक्ला 3 संवत् 1989 तद्नुसार 9 अप्रैल,1932 को जन्मे एवं वहीं पर सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् श्री माणकचन्द जी बज ने टौंक में वस्त्र व्यवसाय प्रारंभ किया। लेकिन वहां व्यापार का कोई विशेष स्कोप नहीं देख कर 1964 में जयपुर आकर दि.16-2-1964 को मुहुर्त करके कपड़े का ही व्यवसाय किया और उसमें अपूर्व सफलता प्राप्त की। आप के पिताजी श्री राजूलाल जी बज का दिसम्बर 1963 में ही स्वर्गवास हो गया था। आपकी माताजी मोतिया बाई टौंक में ही रहती हैं।