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________________ 2901 जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री महावीर कुमार रारा किराना व्यवसाय में लोकप्रियता प्राप्त श्री महादीर कुमार रारा युवा समाजसेवी हैं। आपका जन्म 30 जुलाई 1944 को हुआ । वर्ष 1961 में आपने बी.कॉम किया साथ में हिन्दी विशारद भी पास की । इसी वर्ष आप श्रीमती सुशीला देवी के साथ विवाह सूत्र में बंध गये । श्रीमती सुशीला जी सरदारमल जी पाटनी रामगंजमंडी वालों की सुपुत्री है । आप दोनों को राजेश, राकेश एवं मुकेश के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। श्री राजेश ने भी बी. कॉम.कर लिया है तथा अपने पिता के साथ व्यवसाय में कार्यरत है। आपका विवाह हो चका है । पली कानाम पूर्णिमा है। बी.कॉम.है | राकेश भी एम.ए.है तथा पत्नी का नाम कुमकुम A श्री रारा जी सामाजिक संस्थाओं के सक्रिय सदस्य हैं। किराणा व्यापार संघ जयपुर के अध्यक्ष, किराणा मर्चेन्ट्स एसोसियेशन के उपाध्यक्ष,त्रिपोलिया व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष हैं । जयपुर की वैय्यावृत्त समिति के सेक्रेट्री हैं। रोगियों की सेवा करने एवं सेवा भाव से औषधियों का आरोग्य भारती में जाकर निर्माण करते रहते हैं। "व्यापार भारती में कभी-कभी आपके व्यावसायिक संबंधी लेख प्रकाशित होते रहते हैं । रारा जी तीर्थ यात्रा के प्रेमी हैं । आपने सभी तीर्थों की वंदना करली है । बैनाल (जयपुर) अतिशय क्षेत्र में आपका भूखण्ड है तथा महावीर तीर्थ क्षेत्र पर चार नम्बर धर्मशाला में अपने पिताजी की स्मृति में एक कमरे का निर्माण करवा चुके हैं। ___ आपके पिताश्री कोकलचन्द जी रारा भी समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। उनका स्वर्गवास दिनांक 30-12-89 को हो गया। पता- रारा भवन गोधों का रास्ता,किशनपोल, जयपुर श्री महावीर प्रसाद पहाडिया आपश्री नन्दकिशोर जी पहाडिया के छोटे भाई हैं। आपकी जन्म तिथि 14-10-1941 है । सन् 1963 में आपने एम.पी.से इन्टर की परीक्षा पास की और फिर अपने भाई के साथ ही बिजली की मोटरों एवं डीजल इंजिन का व्यवसाय करने लगे। आपका पहिला विवाह सन् 1967 में श्रीमती मंजू जैन के साथ हुआ 1 जिसकी स्मृति में पहाडिया परिवार की ओर से वेदो का निर्माण कराया तथा अप्रैल 84 में मुनि श्री आनन्द सागर जी के सानिध्य में प्रतिष्ठा संपन्न कराई । दूसरा विवाह आपका सन् 1983 में श्रीमती शशि प्रभा के साथ हुआ। शशि प्रभा अर्थशास्त्र में एम.ए. है। उनके पिताजी श्री श्रीपती शशी प्रगा
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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