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________________ जयपुर नगर का जैन समाज /289 श्री महावीर प्रसाद नृपत्या ... श्री महावीर प्रसाद नृपत्या का जन्म 24 नवम्बर,1930 को अलवर (राज) में हुआ। आपके पिताश्री का नाम लाला गजरमल जी नपत्या एवं मातुश्री श्रीमती गंगादेवी हैं । स्व.श्री गृजरमल जी अलवर राज्य की सेवा में थे जो वृत्त राजस्थान के निर्माण के अवसर पर सन् 1949 में राजस्थान सरकार की सेवा में जयपुर आकर बसे। श्री महावीर प्रसाद जी नृपत्या सामान्य शिक्षा प्राप्त कर विभित्र व्यवसायों में कार्यरत रहते हुए जयपुर आकर जवाहरात का व्यवसाय करने लगे। आपकी पैनी दृष्टि, परिश्रम,लगन एवं निष्ठा तथा सद्व्यवहारी होने के कारण जवाहरात के व्यवसाय में आपको अभूतपूर्व सफलता पिली । फलस्वरूप वर्तमान में जातिष्ठित समय में आप अच्छा रटान । SDAY नृपत्या जी का विवाह 17 वर्ष की अवस्था में डोग (जिला-भरतपुर में हुआ। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती शांति देवी जी भी आप की ही तरह धार्मिक स्वभाव की गृहणी हैं । आप दोनों ही तीर्थों के दर्शन करने में विशेष रचि रखते हैं। अब तक सभी तीथों की कितनी ही बार वन्दना कर चके हैं। तीथों के विकास में भी आप बराबर सहयोग देते रहते हैं। सन 1981 में गोमटेश्वर सहस्त्राब्दी महामस्तकाभिषेक में आपने सपरिवार प्रथम 10 शताब्दि कलशों में तृतीय कलश कर, पुण्य अर्जित किया तथा श्रवणबेलगोला में विद्यानन्द निलय में नृपत्या परिवार की ओर से एक कक्ष का निर्माण कराया था। सामाजिक एवं साहित्यिक कार्यों में नृपत्या जी बरावर भाग लेते रहते हैं लेकिन श्रीमती शान्ति देवी धर्मपत्नी ख्याति यश व प्रदर्शनों से हमेशा दर रहते हैं। श्री महावीर प्रन्थ अकादमो.जबपुर के आप श्री महावीर प्रसाद नृपत्या उपाध्यक्ष है तथा जैन इतिहास प्रकाशन संस्थान व श्री दिगम्बर जैन शिक्षा परिषद्-महावीर स्कूल के विशिष्ठ सदस्य हैं तथा कई संस्थाओं के आजीवन सदस्य हैं । दैनिक पूजा पाठ प्रक्रिया में रत रहकर आत्मकल्याण में उन्मुक्त रहते हैं व मुनियों को आहार देने में रुचि लेते हैं। आपके तीन पुत्र हैं श्री अजीत कुमार,श्री जय कुमार एवं श्री मनोज कुमार। तीनों ही पुत्र आपके व्यवसाय की वृद्धि करने में लगे हुए हैं। श्री अजीत कुमार का जन्म सन् 1952 में हुआ,उनका विवाह श्रीमान बंशीलाल जी पाटनी निवासी वर्धा की सुपुत्री ऊषा के साथ हआ। श्रीमती ऊषा स्नातक है। श्री अजीत कमार पाने के विशेष पारखी हैं व्यवसाय के लिए विदेश यात्रा करते रहते हैं,श्री जय कुमार हीरे के व्यवसायी हैं। इस कार्य हेतु वे भी विदेश यात्रा पर सामान्यतः जाते रहते हैं । वे अपना व्यवसाय बम्बई में करते हैं । श्री जय कुमार का विवाह श्री पूनम चन्द जी लुहाड़े,निवासी पूना की सुपुत्री संध्या से हुआ है,जो कि बी.एस.सी. (होम साइंस) हैं। श्री मनोज कुमार भी पने के कार्य में लीन हैं । वे भी व्यवसाय हेतु देश-विदेश में यात्रा करते रहते हैं। 1, श्री महावीर प्रसाद जी नृपत्या, डी-41, ज्योति मार्ग,बापूनगर,जयपुर-302015 फोन नं,जयपुर 64484 एवं 67337 2. श्री जयकुमार जी नृपत्या, मेकर टावर जे-54, कफ परेड़,कोलावा, बम्बई फोन नं.218.3513 एवं 218.2716
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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