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280/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
के पिता का सौभाग्य प्राप्त हुभा नया गान न होने के कारण आपने अपने बड़े दोहिता नितिन जैन को दत्तक पुत्र बनाया। आपकी पत्नी का 16 मार्च 1978 को स्वर्गवास हो गया।
श्री गोधा जी की धार्मिक प्रवृत्ति रही है। अपनी धर्मपत्नी के साथ आपने सभी तीर्थोंकी वंदना करली थी। तीर्थ क्षेत्रों के विकास में तथा सामाजिक संस्थाओं में योगदान करते रहते हैं । श्री दि.जैन औषधालय के आजीवन सदस्य हैं तथा उसे भवन निर्माण के लिये एक भूमि खंड भी दिया है। दि.जैन मंदिर पाटोदियान में वेदी बनवाकर उसमें भगवान बाहुबली की मूर्ति विराजमान कर चुके है । सन् 1981 में आयोजित दि.जैन शांतिनाथ पंचकल्याण महोत्सव के संरक्षक भी रह चुके हैं। इसी तरह खानियां पंचकल्याणक महोत्सव में भी आपने पाण्डुकशिला पर भगवान का अभिषेक करने का श्रेय प्राप्त किया था ।
पता : गोधा भवन,बोरडी का रास्ता,जयपुर-3 श्री फूलचन्द बिलाला
जयपुर के बिलाला परिवार में दि.28 मई,1928 को आपका जन्म हुआ । युवा समाजसेवी हैं । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् अपने पैतृक व्यवसाय में पर्याप्त सफलता प्राप्त की । सन् 1952 में आपका विवाह श्रीमती कांतादेवी से संपन्न हुआ। आप दत्तक पुत्र श्री नरेन्द्रकुमार (40 वर्ष) एवं एक पौत्र तथा एक पौत्री से अलंकृत हैं ।
श्री फूलचंद जी के पिता श्री कपूरचंद जी का समाज में अच्छा सम्मान था। आप शांतिप्रिय जीवन जीने वाले श्रेष्ठी हैं।
पता :- डी8 ए, बापू नगर,गणेश मार्ग,जयपुर। श्री बसन्तीलाल पाटनी
11 फरवरी 1932 को जन्मे श्री वसन्तीलाल माटनी पवाल्या (टोडारायसिंह) के निवासी हैं। बीकॉम.एल.एल.बी. करने के पश्चात् आप केन्द्र सेवा में चले गये। 18 वर्ष की आयु में आपका श्रीमती कमला देवी के साथ विवाह हुआ। आपने मनोजकुमार को गोद लिया जिसका विवाह हो चुका है। आपके पूर्वजों ने पंचाल्या में मंदिर का निर्माण करवाकर उसे समाज को भेंट कर दिया। पाटनी जी सामाजिक सेवा में रुचि लेते हैं । पहिले बे दि.जैन मंदिर जवाहर नगर के कोषाध्यक्ष एवं वर्तमान में कार्यकारिणी सदस्य हैं । सभी तीर्थों की यात्रा कर चुके हैं।
जब भी मुनि संघ पंवाल्या होकर विहार करता है आपके माता-पिता उनको आहार आदि से सेवा करते हैं । पंवाल्या गांव में वर्तमान में दि.जैन समाज के 12-13 परिवार हैं ।
पाटनो जी आडिट अधिकारी के पद पर महालेखाकार (आङिट) कार्यालय में कार्य करते हुए 58 वर्ष की उम्र में फरवरी 1990 में सेवा निवृत्त हुए । स्वभाव से विनम्र एवं व्यवहार में मधुर पाटनी जी अपने सर्किल में सबके मित्र हैं।
पत्ता - 1 2 7 जवाहर नगर,जयपुर ।
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