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________________ जयपुर नगर का जैन समाज/253 श्री नंदकिशोर जैन पहाड़िया श्री नंदकिशोर पहाड़िया उन व्यक्तियों में से हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति,यश एवं व्यक्तित्व स्वयं की सूझबूझ,निष्ठा एवं सतत अध्यवसाय से बनाया है । आपके पिताजी श्री कपूरचंद जी . अमेजी के अध्यापक थे एवं पुस्तक के लेखक को भी उनसे एक वर्ष पढ़ने का अवसर मिला था। स्वभाव से अत्यधिक सरल एवं हँसमुख थे उनका निधन सन् 1951 जुलाई में हो गया । उस समय आपकी आयु केवल 12 वर्ष की थी। आपकी माताजी श्रीमती भवरी देवी का आशीर्वाद अभी तक मिल रहा है । कलकचा विश्वविद्यालय से आपने इन्टरमीजियट किया और फिर बिजली की मोटर एवं डीजल इंजीनियरिंग का व्यवसाय करने लगे । व्यवसाय में आपको आशातीत सफलता मिली। आपका विवाह श्रीमती शांतिदेवी से हुआ जिसका घर में आगमन समृद्धि एवं संपत्ति के साथ हआ। श्रीमती पहाष्टिया सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अत्यधिक रुचि लेती हैं। कितने ही समारोहों में मुख्य अतिथि अथवा अध्यक्षता करती हुई देखी जा सकती हैं। आप उदार हृदया है। आपको दो पुत्र एवं एक पुत्री की जननी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। ज्येष्ठ पुत्र प्रमोद देहली में कार्यरत हैं तथा छोटा सुनील जयपुर में ही पिताजी के साथ व्यवसाय में लगा हुआ है । आप दोनों पति-पत्नी की तीर्थ यात्रा में विशेष रुचि रहती है । पहाडिया जी मूलतःचौमूं के हैं और अपने गांव के मंदिर में आपने एक कमरे का निर्माण कराया है । जयपुर में पार्श्वनाथ भवन के क्रय में आपने आर्थिक सहयोग दिया था। श्रीमत्री शांति देवी धर्मपत्नी श्री नर किशोर जैन पता : ए 27/4/2 कांति चन्द रोड,बनीपार्क,जयपुर। डा. णमोकार जैन दीवान दीवान परिवार में दिनांक 12 फरवरी 1946 को जन्मे श्री णमोकार जैन ने सन् 1968 में उदयपर विश्वविद्यालय से एम.एस.सी.(कषि) प्रथम श्रेणी में पास कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। सन् 1971 में जर्मन भाषा में राज विवि, से डिप्लोमा किया तथा सन् 1971 से 74 तक पश्चिमी जर्मनी में रहते हुये कृषि विज्ञान में डाक्टरेट उपाधि प्राप्त की । सन् 1968 में ही राजस्थान में सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी पद पर नियुक्त हुये। सन् 1975 में आपका लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक कृषि रसायनज्ञ के पद पर चयन किया गया । आपको मिट्टी एवं जल सर्वेक्षण, संरक्षण एवं विश्लेषण का पूर्ण अनुभव है और कीटनाशक विश्लेषण में भी अच्छा जान रखते हैं । सन् 1990 में आपने जर्मन भाषा में पोस्ट डिप्लोमा भी अर्जित कर लिया है और जर्मन भाषा लिखने पढ़ने एवं बोलने में पूर्ण सक्षम हैं। डा.जैन को सामाजिक कार्यों में विशेष रुचि रहती है। वर्तमान में आप महावीर दि.जैन उच्च माध्यमिक विद्यालय की साधारण कार्यकारिणी के सदस्य हैं तथा दि.जैन औषधालय की कार्यकारिणी के सदस्य एवं वर्धमान रसायन शाला के उपाध्यक्ष
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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