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242/ जैन समाज का वृहद इतिहास
की। आपको प्रेरणा से एस.एम.एस.के सामने एक विशाल धर्मशाला का निर्माण हुआ जिसमें रोगियों के सगे संबंधी रह सकते हैं । इसी के पास एक संतोकबा दुर्लभ जी निदान केन्द्र की स्थापना की जिसमें आपने 8 वर्ष तक निशुल्क सेवायें प्रदान की।
डा.गंगवाल के पिताश्री हजारीलाल की मृत्यु सन् 1950 में, माता गुलाब बाई का निधन सन् 1952 में हुआ। आपका विवाह निहालकरण सेठी की सबसे बड़ी पुत्री सुलोचना के साथ सन् 1930 में सम्पन्न हुआ । श्रीमती सुलोचना देवी जयपुर राज्य विधान सभा की सदस्य रह चुकी हैं । डा.पी.के.सेठी आपके भाई हैं । आपको एक पुत्र एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । पुत्र डा.के.सी.गंगवाल भी चिकित्सा जगत में ख्याति प्राप्त चिकित्सक हैं । आपकी एक मात्र पुत्री शारदा दर्शन शास्त्र में पीएचड़ी.हैं तथा व्याख्याता रहने के पश्चात् वर्तमान में इन्स्टीट्यूट आफ इवलपमेन्ट स्टेडीज में प्रोफेसर हैं।
डा. गंगवाल दयालु एवं धार्मिक प्रवृत्ति वाले चिकित्सक हैं । नीम का थाना में आपके पितामह उदयलाल जी ने मंदिर का निर्माण करवाया तथा उसमें थोई से मूर्ति लाकर विराजमान की । आप सभी तीर्थों की वंदना कर चुके हैं।
आप आजकल लेखन कार्य में लगे हुये हैं तथा भारतीय शाकाहार, अनित्य भावना, डायबीटीज रोग निदान,श्रीमद भागवद् गीता जैसी दस से भी अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं।
पता : डा. गंगवाल,एस. एम. एस.के सामने जयपुर । श्री ताराचन्द गोधा (बेला वाले)
जयपुर के बेलावाले उपनाम से प्रसिद्ध परिवार में श्री ताराचन्द गोधाका जन्म 5 फरवरी 1926 को हुआ । सन् 1948 में आपने बी.ए.किया और फिर मशीनरी का व्यवसाय करने लगे। आपके पिताजी श्री वृद्धिचन्द जी का समाज में सम्माननीय स्थान था । वे खादी आन्दोलन के : पूर्ण समर्थक थे तथा चर्खा कातने का खूब काम करते थे।
जयपुर में बधीचन्द जी का पन्दिर आपके पूर्वज श्री मन्नालाल जी ने निर्माण करवाया था। श्री ताराचन्द जी के तीन पुत्र नरेन्द्र कुमार,सुरेन्द्रकुमार एवं राजेन्द्र कुमार हैं। तीनों ही अलग अलग व्यवसाय में लगे हुये हैं। आपकी एक मात्र पुत्री ऊया एम.ए. हैं । आप सन् 1987 में बैंकाक थाईलैण्ड, हांगकांग, सिंगापुर आदि देशों की यात्रा कर चुके हैं । ताराचन्द जी शान्तिप्रिय एवं सरल स्वभाव वाले हैं। सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में रुचि रखते हैं तथा मुनि भात हैं । बधीचन्द जी मंदिर के प्रमुख कार्यकर्ता हैं । वर्तमान में राज. में बी.ई. पम्प के अधिकृत विक्रेता है । इलैक्ट्रिक मोटर्स के वपम सेटस् के स्टाकिस्ट हैं तथा मनी लैंडिग का भी कार्य करते हैं।
पता : 2532,घी वालों का रास्ता,बधीचन्द जी के मन्दिर के पास,जौहरी बाजार,जयपुर 302003 फोन - 5615965 श्री ताराचन्द छाबड़ा जौहरी
छाबड़ा परिवार में दि.22 नवम्बर सन् 1922 को जन्मे श्री ताराचन्द छाबड़ा जयपुर के वर्तमान जैन समाज में प्रसिद्ध जौहरी माने जाते हैं। आपके पिता जी श्री सेठ गैंदीलाल जी छाबड़ा का स्वर्गवास 17 जून 1972 को हुआ । इसके पश्चात् माताजी सूरजदेवी 10 अगस्त 81