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________________ जयपुर नगर का जैन समाज / 237 श्री जयकुमार जैन छाबड़ा जयपुर नगर के सामाजिक जीवन में श्री जयकुमार जी छाबड़ा का नाम विशेषतः उल्लेखनीय है । आपका जन्म 21 जुलाई, 1921 को हुआ। आपके पिताजी श्री लछमनलाल जो अपने जमाने के जाने माने व्यक्ति थे। जागीरदार थे। आपकी माताजी का नाम श्रीमती गेंदीबाई था। बी.ए. पास करने के पश्चात् सन् 1942 में आपने राजकीय सेवा में प्रवेश किया तथा तहसीलदार, विकास अधिकारी, उपखंड जिलाधिकारी, विभागीय जांच अधिकारी, उपविकास आयुक्त, उपनिदेशक खादी ग्रामो कमीशन राज, जयपुर जैसे उच्च पदों पर रहने के पश्चात सन् 1976 में ससम्मान सेवानिवृत्त हुये । उपखंड जिलाधिकारी हिण्डोन रहते हुये आपने दि. जैन अ. क्षेत्र श्री महावीर जी के वार्षिक मेले में दो बार भगवान महावीर की रथयात्रा में नाजिम (एसडीएम) होने के कारण सारथी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया था। सेवा काल में ही आपने एल. एल. बी. किया है। सामाजिक क्षेत्र में आप 21 से भी अधिक संस्थाओं से जुड़े हुये हैं और उनके विकास में अनवरत कार्य करते रहते हैं। राजस्थान मामोदय संस्थान सांगानेर एवं बाल शिक्षा मंदिर जयपुर के सचिव रह चुके हैं। महावीर क्लब जयपुर के संस्थापक सदस्यों में से हैं। राज. पब्लिक ट्रस्ट बोर्ड जयपुर में दि. जैन समाज का प्रतिनिधित्व किया। महावीर इन्टरनेशनल, श्री दि. जैन अ. क्षेत्र श्री महावीर जी, पद्मपुरा, हस्तिनापुर, दि. जैन नशियां, दीवान उदयलाल जी, दिग जैन मंदिर महासंघ, दिग, जैन मंदिर ढल जी एवं संघी जी की वर्षों से कार्यकारिणी सदस्य हैं। अ. भा. दि. जैन महासभा तीर्थ क्षेत्र कमेटी राज के सचिव, दि.जैन अ. क्षेत्र चूलगिरी जयपुर के मंत्री रहने के पश्चात् उसकी कार्यकारिणी के सदस्य है। अ. विश्व जैन मिशन जयपुर केन्द्र के सदस्य हैं। इनके अतिरिक्त आप और भी संस्थाओं से जुड़े हुये हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि आप होमियोपैथिक रजि. डाक्टर हैं। श्रीपती माणक देवी धर्मपत्नी श्री जयकुमार छाबड़ा छाबड़ा जी मुनि भक्त हैं । आचार्य देशभूषण श्री विद्यानंद जी, बिमल सागर जी महाराज का आपको पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त था। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती माणकदेवी विद्या विनोदनी हैं जो सामाजिक कार्यकर्ता जयपुर नगर में प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने में अग्रणी रही हैं। आप दो पुत्र श्री जितेन्द्र कुमार एवं जिनेन्द्र कुमार एवं दो पुत्रियों श्रीमती कुसुम देवी एवं शशिकला जैन क्रमशः बी.ए. व एम.एस.सी. से सुशोभित हैं। आपकी एक पुत्ररधू श्रीमती रेखा जैन तथा दूसरी कुमुद जैन बी.ए. हैं। दोनों पुत्र भी उच्च शिक्षित हैं। एक बैंक अधकारी हैं तथा दूसरे बोमा एजेन्ट है। पता : पं. शिवदीन जी का रास्ता, किशनपोल बाजार, जयपुर-3
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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