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________________ श्रीमती कनकप्रभा हाडा आध्यात्मिक भक्ति संगीत के क्षेत्र में आपका विशिष्ट स्थान है. आपका जन्म जयपुर में 22 अक्टूबर सन् 1940 को श्रीमान जिनेन्द्र कुमार जी सेठी के यहां हुआ। बचपन से ही आपकी भक्ति संगीत में रुचि रही है आपने "साहित्यरत्न" "संगीत रत्न" आदि परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं। संगीत के गुरू श्रीमान गोपीचंद जी गोधा रहे। आपके भजन श्रोताओं को भक्ति सरिता में प्रवाहित कर देते हैं तथा कार्यक्रम जिन मंदिर, गुरू सान्निध्य और धार्मिक समारोहों के अतिरिक्त अन्य कहीं नहीं होते । लोक प्रशंसा से दूर निस्वार्थ सेवा ही इनका लक्ष्य है 1 जयपुर नगर का जैन समाज /219 समय समय पर आपको गुरूओं के आशीर्वाद स्वरूप अनेक उपाधियाँ भी प्राप्त हुई हैं। गणधराचार्य पू. 108 कुंथुसागर महाराज द्वारा "आध्यात्मिक संगीत विदुषी" मुनि भल्लिसागर महाराज द्वारा "जैन संगीत कोकिला रानी" अखिल भारतीय दिगंबर जैन महासभा के द्वारा "जिन भक्ति संगीत विशारद" तथा महिला जागृति संघ जयपुर द्वारा " जैन संगीत रत्न" आदि से अलंकृत किया गया है। श्री दिगंबर जैन कुंथुविजय ग्रंथ माला समिति की आप सक्रिय सदस्या हैं। दस दर्ष तक आपने श्री शांतिनाथ संगीत नृत्य निकेतन का निशुल्क एवं निस्वार्थ भाव से संचालन किया है तथा अनेक बालिकाओं को संगीत एवं नृत्य की शिक्षा प्रदान की है। आपका विवाह धर्मस्नेही श्री मोतीलाल जी हाड़ा से हुआ है । हाड़ा साहब कपड़े के व्यवसायी हैं तथा भक्ति मार्ग में सदा ही आपका सहयोग रहा है। आपके एक पुत्र तथा दो पुत्रियां हैं तथा तीनों ही विवाहित हैं। पता : 1896, हल्दियों का रास्ता, जौहरी बाजार, जयपुर श्री कपूरचन्द जैन गोधा कालेज शिक्षा के प्राचार्य पद से निवर्तमान श्री कपूरचन्द जी जैन ख्याति प्राप्त शिक्षा बिंदू रहे हैं। आपका जन्म 12 नवम्बर 1927 को हुआ। एम. काम किया और कालेज शिक्षक के पद पर कार्य करना प्रारंभ किया। आप स्व. श्री मोतीलाल जी गोधा वकील के सुपुत्र हैं। गोधा जी एक पुत्र एवं एक पुत्री से सुशोभित हैं। पुत्र श्री सुभाष जैन बैंक सर्विस में हैं तथा पुत्री श्रीमती विजया जैन डाक्टर हैं तथा अमेरिका में रह रही हैं। गधा जी स्काउट्स एवं गाइड्स कोटा के अवैतनिक सचित्र रहे हैं तथा राजस्थान जैन सभा के संस्थापक सदस्य तथा सर्वप्रथम मंत्री रहे हुये हैं। गोधों के चौक में जो श्री ईश्वर लाल गोधा का मंदिर है वह आपके पूर्वजों द्वारा ही बनाया हुआ है। गोधा जी शान्त स्वभावी हैं तथा आपकी प्रारंभ से ही सामाजिक गतिविधियों में विशेष रुचि रही है। पता : 580 रास्ता· हल्दियान, जौहरी बाजार, जयपुर ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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