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________________ 216 / जैन समाज का वृहद् इतिहास श्रीमती सुशीला देवी धर्मपाली श्री अनूपचन्द बाकलीवाल आपने हायर सैकण्डरी परीश्चा पास की। आपका विवाह सन् 1972 में श्रीमती सुशीला देवी के साथ संपन्न हुआ | आपको दो पुत्र अम्बिकेश एवं अमर तथा एक पुत्री अंजू के माता पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। डा. अशोक कासलीवाल श्री बाकलीवाल जी ने अपनी जन्म नगरी टौंक के श्याम बाबा के मंदिर में गुम्बज का निर्माण करवाकर समारोह के साथ उस पर ध्वजायें फहराई। आप मधुवन टोंक फाटक स्थित, दि. जैन पार्श्वनाथ मंदिर की कार्यकारिणी सदस्य रह चुके हैं। श्रीमती सुशीला देवी बाकलीवाल समाज सेवा में भाग लेती हैं। पता:- 868, अमरदीप, बरकतनगर, किसान भार्ग, जयपुर । श्री अलबेलचन्द प्रसिद्ध संगीतज्ञ स्व. श्री चिरंजीलाल जी वैद के सुपुत्र श्री अलबेलचन्द का जन्म 24 फरवरी सन् 1924 को हुआ । सन् 1952 में मैट्रिक किया और फिर बैंक सेवा में चले गये। सन् 1960 से 1981 तक मैनेजर के पद पर कार्य करने के पश्चात् सेवानिवृत्त हुये। सन् 1948 में आपका विवाह श्रीमती रतनदेवी के साथ संपन्न हुआ। आपको 4 पुत्र एवं एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हैं। इनमें प्रथम दो पुत्र श्री पदमचन्द एवं सुरेशकुमार बैंक सेवा में हैं। अशोक कुमार बस्त्र व्यवसायी हैं तथा चतुर्थ पुत्र दिलीप पढ़ रहा हैं। आपकी एकमात्र पुत्री त्रिशला का विवाह हो चुका है। वर्तमान में आप शान्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं। दर्शन, अभिषेक करने में रुचि लेते हैं। मिलनसार हैं। पता:- 2427, घी वालों का रास्ता, जयपुर। आपका जन्म 20 मई, 1945 जौहरी परिवार में श्री गुलाब चन्द जी कासलीवाल के यहां जयपुर में हुआ। आपकी मां का नाम श्रीमती गंगादेवी है। आपकी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर एम.बी.बी.एस. तक की शिक्षा आपने दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की । सन् 1969 से 74 तक दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों व केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य सेवा (सीजीएचएस) में विभिन्न पदों पर कार्य किया। सन् 1974 से 78 तक आपने जयपुर शहर में जनरल प्रेक्टिस की। मन 1978-85 कुल 7 वर्ष तक याना (वेस्ट अफ्रीका) के प्रान्तीय अस्पताल में सीनियर मेडिकल आफसर (पिडियाटिक्स) के पद पर कार्य किया। आपने सुदूर देशों की यात्रा की है। वर्तमान में आप निजी वात्सल्य चिल्ड्रेन अस्पताल क्लिनिक में नवजात शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ हैं तथा नवजात शिशु गहन इकाई का कार्यभार देख रहे हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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