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________________ जयपुर नगर का जैन समाज /213 श्री अजीत कुमार नृपत्या जवाहरात उद्योग के प्रतिभाशाली श्री अजीत कुमारनपत्या मुलाध्यपसा योग है। धिसागर जी 31 दिसम्बर 1952 को अलवर में जन्मे श्री नृपत्याजी ने जयपुर में अपनी शिक्षा प्राप्त की। आपका विवाह वर्धा निवासी श्री बंसीलाल जी पाटनी की सुपुत्री ज्या देवी (स्नातक) के साथ सम्पन्न हुआ। श्री बंसीलाल जी वर्धा (महाराष्ट्र) के राजनीतिक जीवन में मुख्य स्थान रखते हैं। श्री अजीत कुमार जी व्यावसायिक कार्यों के साथसाथ धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में भी रुचि रखते हैं। वर्ष 1981 में भगवान बाहुबली सहस्राब्दि महामस्तकाभिषेक समारोह में एक स्वर्ण कलश लेकर धर्म लाम/ पुण्य अर्जित किया था । श्रवणबेलगोला में "विद्यानन्द निलय" में नपत्या परिवार की ओर से एक फ्लेट का निर्माण कराया गया था, इस प्रकार अनेक तीर्थ क्षेत्रों,मन्दिरों एवं धर्मशालाओं में आपका व परिवार का सनिय योगदान रहता है। आपके पिता श्री महावीर प्रसाद नपत्या भी सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में अपनी गतिविधियों से सर्दभिज्ञ हैं। श्रीपतो उठा देवी धर्मपली श्री अजीत कुमार जी अपने व्यावसायिक कार्यों से विदेशों की यात्रा पर जाते रहते है। आपसे समाज को एवं व्यवसाय जगत दोनों को बहुत आशाएं है । पता : डी-41, ज्योति मार्ग, बापू नगर जन्मपुर श्री अनूपचन्द गोधा दीवान परिवार में 1 मार्च 1923 को जन्में श्री अनूपचंद गोधा जयपुर के जाने माने समाजसेवी हैं। नगर के प्रसिद्ध पार्श्वनाथ मंदिर सोनियान के वर्षों से मंत्री हैं तथा मंदिर के विकास में अपना भारी योगदान देते रहते हैं। आपने सन् 1942 में मैट्रिक एवं सन् 1952 में साहित्यरत्न किया। इसके पश्चात् राज्य सेवा में चले गये । सन् 1942 में आपका विवाह हुआ । आपकी धर्मपत्नी श्रीमती फूलदेवी को एक पुत्र अशोक एवं एक पुत्री अंजु को जन्म देने का सौभाग्य मिल चुका है। दोनों का ही विवाह करके आपने गृहस्थ जीवन से मुक्ति पा ली है | आपके पूर्वज दीवान नंदलाल जी ने झालरेवाली नशियां बनवाई,मंदिर का निर्माण करदाया और फिर उसे पार्श्वनाथ मंदिर को भेंट कर दी । दीवान नंदलाल गोधा ने संवत् 15265 में सवाई माधोपुर में विशाल पंचकल्याणक प्रतिष्ठा कराई थी। गोधा जी ज्ञानबालनिकेतन के मंत्री हैं । पार्श्वनाथ मंदिर के शास्त्र भंडार को भी आप ही देखते हैं । लेखक को गोधा जी से बहुत सहयोग मिलता रहता है। पता -1435 चाणक्य मार्ग,सुभाष चौक,जयपुर।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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