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________________ जयपुर नगर का बैन समाज /209 जयपुर के यशस्वी समाज सेवी प्रस्तुत खण्ड में हमने जयपुर नगर के समाजसेवियों का जीवन परिचय, उनके द्वारा की जाने वाली धार्मिक एवं सामाजिक सेवाओं का विस्तृत वर्णन करने का प्रयास किया है । वैसे जयपुर एक विशाल नगर है । जैन समाज की दृष्टि से इसे जैनपुरी कहा जाता है । इस नगर को समाज सेवियों का प्रमुख केन्द्र रहने का सौभाग्य मिला हुआ है। यहां शिक्षा संस्थानों के व्यवस्थापक गण,सामाजिक सभाओं, परिषदों एवं मण्डलों के पदाधिकारी गण,सैकड़ों मन्दिरों के प्रबन्धक गण, शोध संस्थानों,पुस्तकालयों के निदेशक एवं व्यवस्थापक गण,अतिशय क्षेत्रों के पदाधिकारी गण आदि सभी की समाज सेवियों में गणना की जा सकती है। कुछ समाज सेवी अखिल भारतीय स्तर की,कुछ राजस्थान स्तर की तथा कुछ कुछ स्थानीय संस्थाओं में जुड़े हुये है । इसलिये किसी भी समाजसेवी की सेवाओं का मूल्यांकन करना सहज कार्य नहीं है । कुछ समाज सेवी नीव के पत्थर हैं तो कुछ महल के रूप में खड़े हैं । इस खण्ड में हमने जिन 195 समाज सेवियों का परिचय दिया है उनको हमने यशस्वी समाज सेवी नाम से अलंकृत किया है । वे यशस्वी समाज सेवी इसलिये हैं उनके व्यक्तित्व को समाज से अलग करके नहीं देखा जा सकता । वे रात दिन किसी न किसी रूप में अपने आपको समाज सेवा में समर्पित रखना चाहते हैं । उनका जीवन सामाजिक इतिहास के लिये अमूल्य है तथा एक घरोहर के रूप में है । हम यह तो नहीं कह सकते कि जिन समाजसेवियों का इस खण्ड में परिचय दिया है उनके अतिरिक्त यहाँ और समाज सेवी नहीं हो सकते हैं। फिर भी हमने यथाशक्ति अधिक से अधिक पहानुभावों को सामाजिक सेवाओं का उल्लेख किया है। सामाजिक इतिहास में इन सबका महत्वपूर्ण स्थान है। इन सभी समाजसेवियों का हार्दिक स्वागत है। - सम्पादक P जयपुर नगर के यशस्वी समाज सेवी 1. श्री अजीत कुमार नृपत्या 2. श्री अनूपचन्द गोधा 3. श्री अनूपचन्द ठोलिया 4. पं. अनूपचन्द न्यायतीर्थ 5. श्री अनूपचन्द बाकलीवाल 6. श्री अलबेलचन्द 7. डा. अशोक कासलीवाल ४. श्री अशोक कुमार बाकलीवाल 9. श्री उत्तमचन्द पांड्या 10. श्री उमरावमल साह 11. श्रीमती कनक प्रभा हाड़ा 12, श्री कपूरचन्द गोधा
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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