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________________ 184/ जैन समाज का वृहद इतिहास खण्ड 3 राजस्थान प्रदेश का जैन समाज राजस्थान प्रदेश का जैन समाज-एक सर्वेक्षण राजस्थान का वर्तमान में जो स्वरूप है वह सन् 1947 के पूर्व छोटी बड़ी अनेक रियासतों एवं ठिकानों में विभाजित था। शासन राजाओं की मर्जी के अनुसार चलता था। लेकिन स्वतंत्रता के पश्चात् रियासतों का विलीनीकरण हुआ तो राजस्थान का एक रूप सामने आया। उसका क्षेत्रफल 3,42,440 वर्ग किलोमीटर हो गया । सन्-1981 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 342,61,862 हो गई । सीमा की दृष्टि से राजस्थान के पश्चिम, उत्तर पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर तथा उत्तर पूर्व में पंजाब और हरियाणा, पूर्व में उत्तर प्रदेश, दक्षिण पूर्व मे मध्य प्रदेश एवं दक्षिण में गुजरात के राज्य हैं। समृचा राजस्थान 30 जिलों में विभक्त है। वर्तमान में राज्य में 192 तहसील, ग्राम स्तर पर 7353 ग्राम पंचायतें, खंड स्तर पर 237 पंचायत समितियाँ एवं जिला स्तर पर 27 जिला परिषदें हैं। राज्य में 37124 गाँव हैं जिनकी जनसंख्या 27051354 है शेष 72,10508 जनसंख्या भगरों की है जिनमें जयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर, भीलवाडा, अलवर, बीकानेर जैसे नगर आते हैं । सन् 1981 में राजस्थान को कुल जनसंख्या 3,42,61,862 थी जो सन् 91-92 मे 4 करोड़ (अनुमानित) हो गई । सन् 1981 की जनगणना के अनुसार विभिन्न धर्मावलम्बियों की संख्या निम्न प्रकार है - 30603970 89.32 प्रतिशत 624327 1.82 प्रतिशत सिख 492818 1.44 प्रतिशत बौद्ध 4427 0.1 प्रतिशत मुसलमान 2492145 7.28 प्रतिशत ईसाई 39568 (0.12 प्रतिशत अन्य 4617 उक्त आँकड़ों के अनुसार हिन्दू और मुसलमानों के पश्चात् जैनों की संख्या तीसरे स्थान पर आती है । हिन्दू
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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