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________________ 170/ जैन समाज का बृहद् इतिहास सागर जी महाराज एवं आचार्य विमलसागर जी महाराज की प्रेरणा मिलती रहती है । महासभा के आप स्थाई सदस्य हैं । आपके दो छोटे भाई हैं। श्री दुलीचन्द जी पाटनी निम्बाहेडा में व्यवसाय करते हैं तथा दूसरे माई पूनमचन्द जी नीमच में व्यवसायरत पता : जीवंधर ट्रेडिंग कम्पनी, साइडिंग बाजार,तिनसुकिया (आसाम) श्री रामदेव पाटनी आयु :56 वर्ष शिक्षा: सामान्य पाता-पिता : श्री पूनमचन्द जी पाटनी । आपका स्वर्गवास अभी 7-8 वर्ष पूर्व ही हुआ है लेकिन माताजी सुगनी देवो का वियोग 40 वर्ष पूर्व ही हो गया था। विवाह : सं. 2015 में आपका विवाह सुश्री उमरावदेवी से सम्पन्न हुआ | सन्तान : पुत्र-3 सन्तोष कुमार, धर्मपत्नी श्रीमती कनकलता। दो पुत्रियों एवं एक पुत्र हैं। दूसरे पुत्र सुरेश कुमार का विवाह मंजू देवी के साथ सम्पन्न हुआ। तृतीय पुत्र श्री अनिल कुमार अविवाहित है। विशेष : गौहाटी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में इन्द्र के पद से सुशोभित हो चुके हैं । महावीर भवन गौहाटी के ट्रस्ट कमेटी के सदस्य हैं । दि. जैन महासभा के ध्रुव फण्ड ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। . आपकी पत्नी ने शुद्ध खान-पान का नियम लिया हुआ है । मुनिभक्त हैं । मुनियों को आहार आदि से सेवा करती रहती पता : रामदेव सन्तोष कुमार पाटनी,टी.आर. फूकन रोड,गौहाटी (आसाम) पं. रूपचन्द छाबड़ा शास्त्री जन्मतिथि सन् 1930 शिक्षा : साहित्य शास्त्री सन् 1953 में वाराणसी से किया। पाता-पिता : श्री लक्ष्मीचन्द जी छाबड़ा - आपका 12 वर्ष पूर्व 60 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो चुका है । उनके एक वर्ष बाद माताजी श्रीमती छगनीदेवी जी की छत्रछाया उठ गई । उस समय माताजी की आयु केवल 55 वर्ष की थी। व्यवसाय : साईकिल हाट
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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