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________________ पूर्ण समाज 100 गिनिया, पुष्पा एवं जय कुमारी तीन पुत्रियां हैं। इनमें से प्रथम दो का विवाह हो चुका है। तीसरी पुत्री अविवाहित हैं। धार्मिक विशेषतायें: डेड (राज.) के तेरह पंथी मन्दिर में एक धातु को चौबीसी को विराजमान करने का जी ने दशलक्षण व्रत के उपवास एक बार एवं उनकी धर्मपत्नी ने दो बार उपवास किये हैं। आपको पावन बना लिया है। तिनसुकिया मन्दिर में होने वाले शास्त्र सभा के पाटनी जी नियमित श्रोता हैं इसलिये आपको शास्त्र ज्ञान भी अच्छा है। पता : सरावगी पेपर्स, आर-3, बाबूलाल बाजार, तिनसुकिया (आसाम) श्री रामगोपाल पाटनी भाग्य प्राप्त कर चुके हैं। श्री पाटनी सभी तीर्थों की बन्दना करके अपने जन्मतिथि: भादवा सुदी 10 सं. 1984 शिक्षा : सामान्य व्यवसाय : किराना गल्ला के व्यापारी पिताश्री : श्री फतेहचन्द जी पाटनी, दो प्रतिमाधारी थे। आपका अभी तीन वर्ष पूर्व ही स्वर्गवास हुआ है। माताश्री : श्रीमती हुलाशी देवी "पद्मावती"। आप पांच प्रतिमा की धारी थी। आचार्य विमल सागर जी नाम आपका रखा गया था। विवाह: संवत् 1996 पत्नी का नाम: श्रीमती कंचन देवी परिवार पुत्र-3 श्री शान्तिलाल, पदमचन्द एवं श्री विनोद कुमार तीनों ही पुत्र बी.कॉम. पास हैं तथा विवाहित हैं । शान्ति लाल जी की पत्नी का नाम श्रीमती कंचन देवी है। आपके एक पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं। श्री पदमचन्द जी की आयु 35 वर्ष की है। आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती मंजू देवी है। विनोद कुमार 28 वर्ष के हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती रंजूदेवी हैं। जिनके दो पुत्र एवं एक पुत्री है। विशेष : आपकी माताजी को प्रतिष्ठाओं में मूर्तियां प्रतिष्ठापित करवाने में पूर्ण रुचि रहती थी तथा आतिथ्य सत्कार में उन्हें खूब आनन्द आता था । आपकी पत्नी एवं पुत्रवधू (श्रीमती कंचन देवी) के शुद्ध जल-पान के नियम है। मुनियों को बराबर आहार देती रहती हैं। आपके घर में चैत्यालय है जिसमें पद्मावती की मूर्ति विराजमान है। आप प्रतिदिन वहीं पूजा पाठ करते हैं। आचार्य सन्मति
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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