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162! जैन समाज का वृहद् इतिहास
पुत्री-तीन संगीता एवं अनीता विवाहित,ममता पढ़ रही है । संगीता का विवाह डीमापुरवासी सूरजमल जी पहाडिया के सुपुत्र कैलाशचन्द जी के साथ एवं अनीता का इम्फालवासी रामचन्द्रजी सेठी के सुपुत्र राजकुमार जी सेठी के साथ हुआ है।
आपके छोटे भाई श्री चैनसुख बागड़ा वी कॉम हैं। इन्होंने बी कॉम. 1961 में आल आसाम से द्वितीय स्थान में प्राप्त किया । श्रीमती शकुन्तला देवी जैन सुपुत्री श्री चांदमल जी
गंगवाल, डिबूगढ़ के साथ उनका विवाद सम्पत्र हुआ है। उनके एक पुत्री सुनीता एवं तीन पुत्र संजय अनिल एवं पंकज हैं। श्री संजय ने म.उ.एल.सी. परीक्षा में पूरे आसाम प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया और फिर एच एस परीक्षा में सन्1988 में भी विज्ञान में पूरे आसाम में द्वितीय स्थान प्राप्त करने का गौरव प्राप्त किया। आसाम सरकार के कोटे में वारंगल इंजीनियरिंग कालेज.आंध्रप्रदेश में इलेक्ट्रोनिक्स में इंजीनि
चैनसुख बगड़ा MA Y यरिंग कर रहे हैं। आपके माता-पिता द्वारा किए गए कार्य : शकुन्तला देवी जै
1.विजय नगर पंचकल्याणक में भगवान के माता
___iuni बने। एक बार सुजानगढ तथा दो बार डिब्रूगढ़ में सिद्धचक्र विधान करवाया एवं सौधर्म इन्द्र इन्द्राणी बने।
2. डिब्रूगढ़ के जैन मंदिर में चंवरी निर्माण करवाकर भगवान को मूर्ति विराजमान को एवं गुजानगढ के बगड़ा मंदिर तथा नसियां में योगदान एवं चंवरी सहित मूर्ति विराजित की। हस्तिनापुर में कमरा तथा शिवाजी में कमरा बनवाया है।
3. आप नगर एवं प्रादेशिक स्तर के सामाजिक,धार्मिक,व्यापारिक तथा सरकारी स्तर की संस्थाओं के सदस्य एवं पदाधिकारी रह चुके हैं।
सजय कुमार जैन आपके माता-पिता, अनुज तथा उनकी धर्मपत्नी ने सम्पूर्ण भारत का तीर्थ भ्रमण क्रमश दो बार तथा एक बार किया से परिवार के अन्य सदस्य प्राय: उत्तरी भारत के तीर्थ क्षेत्रों की कई बार वंदना कर चुके हैं । माता-पिता ने कई बार दशलक्षण
अष्टान्हिका व्रत तथा अन्य व्रत अकेले एवं जोडे से किये हैं। अनुज चैनसुख एवं उनकी धर्मपी ने भी जोडे से दशलक्ष किया है । आपके परिवार के सदस्य शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत एवं जुड़े रहे हैं तथा अत्यधिक परिश्रम से अपना वर्तमान बनाया है । आपने बी.कॉम. (1951) में आसाग से तृतीय स्थान तथा एम.कॉम. (1158) में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
आपके परिवार के सदस्यों ने सर्वदा कम्पीटीशन स्कोलरशिप प्राप्त की वे सभी मेधावी छात्र हैं तथा स्नातको पंकज कुमार जैन ने उ.मा. वाणि. विभा। परीक्षा 1904) में असम में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। आप तथा आपके पा सदस्य असमिया, हिन्दी, अंग्रेजी तथा बंगाली अच्छी तरह बोल लेते हैं। आपके परिवार वाले मुनि एवं आर्यिका मा आहार प्रदान करने में विशेष रुचि रखते हैं। आप जैन महासभा के आजीवन सदस्य हैं । आप श्री दि.जैन पंचायत मासा डिबूगढ़ के संयुक्त मंत्री भी हैं।
पता : जैन एन्टरप्राइजेज मारवाडी पट्टी, डिब्रूगढ (आसाम)