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________________ 146/ जैन समाज का वृहद इतिहास धार्मिक एवं सामाजिक प्रवृत्तिः सेठी यो कमिशः प्रकृति के निण:। है । डागपुर के जैन मंदिर की चौबीसी में एक प्रतिमा आपने भी विराजमान की है । डीमापुर के जैन भवन में,राणोली के जैन भवन में तथा हायर सैकण्डरी स्कूल में एक-एक कमरे का निर्माण करा चुके हैं। भारतवर्षीय दि.जैन महासभा के ध्रुव फण्ड ट्रस्ट योजना के ट्रस्टी हैं । आपकी माताजी के शुद्ध खान-पान का नियम है । पूरा परिवार साधुओं को आहार देने में रुचि रखता है। पता : वंदना,मेन रोड,डीमापुर (नागालैण्ड) श्री पन्नालाल गंगवाल आयु: 46 वर्ष शिक्षा :पैट्रिक तक माता-पिता: आप श्री मोहनलाल जी के दत्तक पुत्र हैं। वर्तमान में मोहनलाल जी की आयु 67 वर्ष की है। विवाह : आपका विवाह 7 मार्च सन 1962 को श्रीमती शांतिदेवी के साथ हुआ था । आप दोनों को दो पुत्र एवं दो पुत्रियों के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । मनोज कुमार ज्येष्ठ पुत्र हैं । बी.कॉम. कर लिया है। दूसरा पुत्र किशोर कुमार पढ़ रहा है। पुत्री-2 इन्द्रा एवं मनीषा । इन्द्रा का विवाह हो चुका है। मनीषा पढ़ रही है। विशेष : आपकी धर्मपत्नी शांतिदेवी भी दो बार दशलक्षण वत के उपवास कर चुकी हैं । सन् 1987 में पुत्री मनीषा ने भी दशलक्षण के उपवास किये हैं। मनीषा ने जिस प्रसन्नता एवं हँसते-हँसते इस व्रत का पालन किया है वह देखने योग्य था । उस वर्ष लेखक उनके घर पर था । दस दिन के उपवास में भी जरा भी चेहरे पर घबराहट नहीं । पूरा परिवार ही आतिथ्य प्रिय है। पता : जैन टायर्स, डीमापुर (नागालैण्ड) मनीषा सुपुत्री पन्नालाल गगवाल श्री परतू लाल छाबड़ा जन्मतिथि: 2 जनवरी सन् 1931 शिक्षा :प्राइमरी शिक्षा प्राप्त की
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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