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________________ पर्वाचल प्रदेश का जैन समाज/145 विशेष : आपने समयसार का सार संकलन करके उसका संपादन एवं प्रकाशन किया है। आप नाटक भी लिखते हैं और अब तक तीन नाटकों को मंचित कर चुके हैं । आपके अतिरिक्त चार भाई और हैं । जिनमें महेन्द्रकुमार रांची में प्रदीपकुमार डीमापुर एवं दिलीपकुमार व अशोककुमार आपके साथ रहते हैं। आप अब तक सभी यात्रायें कर चुके हैं। पता : बालचन्द निमल कुमा(झांझरी, एस.के.बिल्डिग कालीबाड़ो रोड,डीमापुर (नागालैण्ड) श्री नेमीचन्द छाबड़ा आपकी आयु 50 वर्ष की है। शिक्षा के क्षेत्र में आपने सामान्य शिक्षा प्राप्त करके ही गृहस्थी में प्रवेश कर लिया। आपके पिताजी श्री गंगाबक्स जी का 75 वर्ष की आयु में 17-18 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हुआ था। माताजी श्रीमती-गुलाबी देवी की छत्रछाया भी उठ चुकी है। विवाह : 17 वर्ष की आयु में श्रीमती विमला देवी के साथ आपका विवाह सम्पत्र हुआ । था। सन्तान: वर्तमान में आप दोनों सात पुत्र एवं तीन पुत्रियों से सुशोभित हैं । पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र श्री तेजपाल जैन 32 वर्षीय युवा हैं । विवाहित हैं। धर्मपत्नी का नाम सरला है। दो पुत्र एवं एक पुत्री से गौरवान्वित हैं । द्वितीय पुत्र राजकुमार 30 वर्ष के हैं। धर्मपत्नी का नाम सुशीला देवी है। तीसरे पुत्र मदनलाल 26 वर्षीय हैं । पली का नाम संगीता है । चतुर्थ पुत्र श्री रतनलाल अभी 24 वर्षीय है उनका भी श्रीमती कल्पना के साथ विवाह हो चुका है । पंचम पुत्र पारसकुमार षष्ठ पुत्र संजयकुमार एवं सबसे छोटे पुत्र पंकज अभी अविवाहित हैं। तीसरी बिटिया चैना अभी अविवाहित है। तेजपाल छाबड़ा विशेषछाबड़ा जी सीधे सादे एवं सरल स्वभाव वाले महानुभाव है । धार्मिक प्रवृत्ति के हैं इसलिये सभी तीर्थों की वंदना कर चुके हैं । सीकर के देवीपुरा मंदिर के सदस्य हैं। पता : सरावगी ब्रदर्स,स्टेशन रोड,डौमापुर (नागालैण्ड) श्री पदम कुमार सेठी श्री सेठी जी छापड़ा से राणोली आये फिर राणोली से कोहिमा और कोहिमा से करीब 20-22 वर्ष पूर्व डीमापुर आकर रहने लगे। आपके माता-पिता का नाम महादी देवी एवं श्री सुवालाल है । सन् 1965 में आपने हायर सैकण्डरी की परीक्षा पास की । आपका विवाह श्रीमती शांति देवी के साथ सम्पन्न हुआ।श्रीमती शांति देवी दशलक्षण वत के उपवास कर चुकी हैं। आपके तीन पुत्र पवन कुमार,मनीश कुमार एवं आशीष कुमार है । वंदना एक मात्र पुत्री है ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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