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________________ पूर्वांचल प्रदेश का जैन समाज / 137 श्री काला जीं राजनैतिक एवं सामाजिक दोनों क्षेत्रों में प्रभावशाली नेता हैं। अच्छे वक्ता हैं। विजय नगर जैन समाज के प्रभावशील व्यक्ति हैं । महासभा के कट्टर समर्थक हैं। आपकी धर्मपत्नी मुनिभक्त है । साधुओं को आहार देती रहती हैं। भा दि. 'जैन युवा परिषद् के संस्थापक अध्यक्ष हैं। विजय नगर पंचकल्याणक में युवारत्न एवं कर्मवीर की उपाधि से सम्मानित हैं। विजय नगर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह के महामन्त्री हैं। दि. जैन समाज विजयनगर के जैन महासभा मंत्री हैं। की केन्द्रीय समिति के उपाध्यक्ष हैं। दि. जैन गर्ल्स हाईस्कूल विजय नगर के संस्थापक अध्यक्ष हैं। राजनीति: श्री काला जी कांग्रेस (आई) के कट्टर समर्थक, गौहाटी नगर एवं जिला काँग्रेस के उपाध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष (1978-8.3 तक) गौहाटी नगर परिषद् (1983-85) के उप मुख्य प्रशासक गौहाटी थोक विक्रेता संघ के चेयरमैन रहे हैं । पता : एम.एस. रोड, फैन्सी बाजार, गौहाटी (आसाम) श्री जयचन्द लाल पाण्ड्या "मनमौजी" श्री मनमौजी का जन्म पौष सुदी 4 संवत् 1984 को हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आपका संवत् 2001 में श्रीमती सरस्वती देवी के साथ विवाह सम्पन्न हुआ। पिताजी . स्व. श्री हरकचन्द जी पाण्ड्या एवं माताजी श्रीमती मोन्ती देवी दोनों का स्वर्गवास हो चुका है। सन्तान : आपके दो पुत्र हैं - श्री विजय कुमार एवं निर्मल कुमार हैं। विजय कुमार का विवाह श्रीमती शान्ता के साथ सम्पन्न हो चुका है। आपको एक पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का गौरव प्राप्त है। दो पुत्रियां हैं - सुशीला एवं शकुन्तला दोनों का विवाह हो चुका है। विशेष : [ कहा जाता है कि करीब 150-175 वर्ष पूर्व आपके पूर्वजों के समय श्रीमती टोमा देवी अपने पति के साथ सती हुई थी। आपके परिवार में अभी भी उनकी मान्यता है। इसके अतिरिक्त मेन्सर के मन्दिर में आपके बाबाजी ने मूर्ति विराजमान की थी। विशेषता: मनमौजी जी अच्छे राजस्थानी कवि हैं। आपकी अब तक तीन पुस्तकें (1) मेवो मारवाड रो, (2) मरूधर माधुरी एवं (3) सवैया संग्रह प्रकाशित हो चुकी हैं। आप जब सस्वर कविता पाठ करते हैं तो सबको अपनी ओर सहज ही आकृष्ट कर लेते हैं 1 मुझे भी उनकी कविता पाठ सुनने का अवसर मिल चुका है। आपकी धर्मपत्नी मैन्सर ग्राम की हैं और वही आर्यिका सुपार्श्वमती माताजी का भी गांव है। आपके शुद्ध जल-पान का नियम है। साधुओं की सेवावृत्ति, आहार आदि देने में रुचि रखती हैं। पता : विजय मिल, काली बाडी रोड, डीमापुर (नागालैण्ड) श्री जालमचन्द बगड़ा (कासलीवाल) आयु : 82 वर्ष शिक्षा : सामान्य
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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