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पूर्वांचल प्रदेश का जैन समाज /117
सेठी जी मिलनसार, प्रत्येक कार्य में सहयोग को भावना रखने वाले, आर्षमार्गी, मुनिभक, अपनी मां के अनन्य भक्त, युतकोचित विचारों से युक्त हैं।
आप भगवान आदिनाथ के निर्माणस्थली बदरीनाथ में स्थापित होने वाले आदिनाथ आध्यात्मिक फाऊण्डेशन के आजीवन ट्रस्टी हैं। अहारजी सिद्ध क्षेत्र के संरक्षक मनोनीत किये गये हैं।
श्रीमती लाडा देवी सेठी
श्रीमती सेठी स्व. श्री फूलचन्द जी सेठी की धर्मपत्नी हैं। जिनका निधन 2 अक्टूबर, 1976 को णमोकार मंत्र जपते हुये आर्यिका श्री इन्दुमति जी के सानिध्य में डीमापुर के मन्दिर में हुआ था । स्व. श्री फूलचन्द जी अपने युग के विख्यात श्रेष्ठी थे जिनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लेखक ने 'धरती से आकाश तक' एक पुस्तक लिखी है। वैसे अपरिग्रह पत्र का फूलचन्द सेठी स्मृति अंक मार्च 1972 में प्रकाशित हो चुका है जिसका विमोचन तत्कालीन उपराष्ट्रपति श्री बी.डी. जत्ती ने किया था तथा अध्यक्षता तत्कालीन मंत्री बाबू जगजीवनराम ने की थी।
श्रीमती लाडा देवी का विवाह स्व. श्री फूलचन्द जी के साथ फाल्गुण शुक्ला सन् 1911 में सम्पन्न हुआ। आपकी दान की प्रवृत्ति प्रारम्भ से ही रही। पहले अपने पति के सहयोग से
धार्मिक कार्यों में भाग लेती थी एवं संस्थाओं को आर्थिक सहायता देती रहती थी। अपनी इस प्रवृत्ति को श्रीमती लाडा देवी ने पति की मृत्यु के पश्चात् भी कम नहीं होने दिया और अपने आज्ञाकारी पुत्रों के सहयोग से जनोपयोगी कार्यों में और भी उत्साह से भाग लिया। यहां हम उनके द्वारा किये गये कुछ कार्यों का उल्लेख करना चाहेंगे :
धार्मिक क्षेत्र :
1. विजय नगर मन्दिर के मान स्तंभ के चारों ओर प्रतिमायें विराजमान की गई।
2. द्रोणगिरी सिद्ध क्षेत्र पर 7 फुट ऊंची खड्गासन प्रतिमा विराजमान की ।
3. हस्तिनापुर स्थित जम्बूद्वीप में विजयार्थ पर्वत की रचना करवाकर उसमें मूर्तियां विराजमान करने में योग दिया।
4. सम्मेद शिखर, खजुराहो, गजपंथा, ऊन, राजगृही, पावापुरी, हस्तिनापुर, पदमपुरा, श्रीमहावीर जी सभी सिद्ध क्षेत्रों में एवं अतिशय क्षेत्रों पर या तो कमरों का निर्माण करवाया अथवा फ्लेटों को बनवाकर क्षेत्रों को समर्पित किया।
5. पपौरा में मन्दिर जीर्णोद्धार, नैनागिरी में दो मन्दिरों का जीर्णोद्धार, आहार क्षेत्र पर फर्श का निमार्ण करवाने का उत्तम कार्य किया । मूडबद्री में एक मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया।
. जितने भी तीर्थों पर पूजन विधान के सदस्यता की प्रणाली है वहां की सदस्या बन कर योगदान दिया ।
7. डिफू जैन मन्दिर के निर्माण में विशेष योगदान देकर प्रशंसनीय कार्य किया ।