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________________ पूर्वांचल प्रदेश का जैन समाज /109 महामस्तकाभिषेक के अवसर पर कलश लेकर अभिषेक किया । लगातार 16 वर्षों तक दशलक्षण व्रत के उपवास कर चुके हैं। आचार्य शिवसागर जी महाराज से शुद्ध खान-पान का नियम लिया । स्वभाव से मुनिभक्त,आहारादि देने में परम श्रद्धा, अपने आपको आर्षमार्गी कहते हैं । प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं । विगत 15 वर्षों से रात्रि में जल नहीं ग्रहण करते हैं। सामाजिक महासभा के ट्रस्ट फण्ड के सदस्य, सिद्धान्त संरक्षिणी सभा की कार्यकारिणी सदस्य, आ. विमल सागर महाराज के सुजानगढ़ में आयोजित जयन्ती महोत्सव परसभी को अपनी ओरसे पंक्तिबद्ध भोजन कराया । कुंथलगिरी सिद्धक्षेत्र पर आर्यनन्दि महाराज के सानिध्य में पंक्तिबद्ध भोजन एवं एक कमरे का निर्माण करवाया । बंगाल, बिहार उडीसा तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सदस्य, अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन के सदस्य मणिपुर में चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से निर्मित हॉस्पिटल में पर्याप्त आर्थिक सहयोग। विदेश यात्रा : सन् 1972 में पति-पत्नी ने मध्य एशिया, यूरोप एवं आस्ट्रेलिया की डेढ़ पास की यात्रा की। पता : बाकलीवाल एन्टरप्राइजेज,इम्फाल मणिपुर) डीमापुर का छाबड़ा परिवार : छाबडा गांव ठाकुर श्री साहेब सिंह जी के नगर खण्डेला में श्री जिनसेनाचार्य द्वारा संवत् 101 में श्रावक व्रत ग्रहण किये। उनकी सन्तति ने छाबडा गांव से संवत् 782 में रेवासा निवास स्थान किया। रेवासा से कासली-कासली से मूंडवाडा-मुंडवाडा से पांचवा-पांचवा से बांदुडा आये । बान्दुडा से संवत् 1749 में सीकर-सीकर से संवत् 1870 में किराडा निवास स्थान किया। किराडा में नवलरायजी से वंश परम्परा प्रारम्भ हुई। अभी वर्तमान में करीब 40 परिवार हैं जो कि किराडा (जिला-श्रीगंगानगर) डीमापुर (नागालैण्ड) इम्फाल (मणिपुर) तथा अन्य स्थान में रह रहे हैं। नागालैण्ड तथा मणिपुर में आपका परिवार करीब 100 वर्ष से रह रहा है । आपको फर्म पहले श्री टोडरमल सदाराम के नाम से प्रसिद्ध थी । आपके हो परिवार के श्री शिवनारायण जी छाबड़ा अखिल भारतवर्षीय खण्डेलवाल जैन महासभा के पदाधिकारी तथा कलकत्ता श्री दिगम्बर जैन समाज के मंत्री रह चुके • हैं । स्व.श्री उदयराम जी छाबड़ा,डीमापुर जैन समाज के अध्यक्ष रह चुके हैं एवं श्री मोतीलाल जो छाबड़ा करीब 30 वर्षों से श्री दि. जैन समाज डीमापुर के उपमंत्री तथा अभी वर्तमान में मंत्री हैं । आपके दादाजी हरषामल जी आठ गांव पंचायत के प्रमुख थे । आपके पिताजी स्व.श्री नन्दलाल जो छाबड़ा बहुत शान्त-स्वभावी तथा धार्मिक प्रवृत्ति के थे । अतिशय क्षेत्र एवं सिद्ध क्षेत्रों में आपने बहुत जगह दान दिया तथा हॉल तथा कमरों का निर्माण करवाया । आपकी बहन स्व.सूरजी बाई की भाणजी कमला ने आर्यिका व्रत प्रहण किया जो कि अभी सन्मति माताजी के नाम से प्रसिद्ध हैं । आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के संघ में आर्यिका प्रमुख हैं। आपके पांच बहन एवं एक भाई बींजराज थे जिनका कि स्वर्गवास हो चुका है आपके पीछे आपकी लड़किया पतासी देवी एवं जीवणी देवी वर्तमान में सुजानगढ़ में रह रही हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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