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________________ पूर्वांचल प्रदेश का जैन समाज:107 श्री बालचन्द्र सेठी श्री सेठी जी का जन्म संवत् 1967 मंगसिर बुदी 2 के दिन हुआ। आपके पिता श्री बालचन्द जी को छत्रछाया संवत् 1982 में तथा माता श्रीमती जेठीबाई का संवत् 1092 में जब वे (4 वर्ष की थीं तभी स्वर्गवास हो गया। आपकी शिक्षा पं.पन्नालाल जी काव्यतीर्थ के पास हुई । सन् 1987 में डेह (राज) की निवासी श्री धान जी पाण्ड्या की पुत्री श्रीमती नेमादेवी के साथ हुआ। आपके तीन पुत्र हुये । लेकिन ज्येष्ठ पुत्र निहालचन्द 18 वर्ष की आयु में इंदिरा गांधी के जलस में कवल कर मर गये। दुसरे पुत्र पदमचन्द 40 वर्ष के हैं। उनका विवाह डिब्रूगढ़ में श्रीमती प्रेमलता देवी से सम्पत्र । हुआ। जिनके दो पुत्र संजय एवं अभिषेक एवं एक पुत्री वन्दना है। तीनों ही बच्चे पढ़ रहे हैं। श्री सेठी जी के सात पुत्रियां हैं जिनके नाम मणि टेवो.चंचलटेवी पानादेवी,गिनिया देवी,सरोजदेवी,संतोष देवी एवं प्रेमबाई हैं। सभी पुत्रियां विवाहित हैं। धार्मिक जीवन : श्री सेठी का जीवन पूर्णतः धार्मिक रहा है। पति। पली दोनों के शुद्ध जल-पान का नियम था । आपकी पत्नी A का करीब 17 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो चुका है । तिनसुक्रिया . वेदी प्रतिष्ठा में आप इन्द्र के पद को सुशोभित हुये थे । सन् 1981 में तीर्थों की वन्दना से अपने आपको पवित्र किया नेमा टेवा धर्मपत्नी श्री बालबन्द जी है। आप प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं तथा दोनों समय सामा पदग चन्दजी मेठी मैती यिक भी करते हैं । पहले आप मन्दिर में शास्त्र प्रवचन करते थे। शास्त्रों के अच्छे जाता है । सेठी परिवार के वर्तमान में सवसे वयोवृद्ध मम्मानिन व्यक्ति हैं। आर्यिका विद्यामती माताजी आपके परिवार की बहू थी । वर्तमान में आर्यिका सुपार्श्वमती माताजी के संघ में हैं। सेठी जी शान्त एवं भद्र परिणामी हैं। पता : पदम जैन एण्ड कम्पनी,साइडिंग बाजार,तिनसुकिया (आसाम) श्री मदनलाल बाकलीवाल ___78 वर्षीय श्री बाकलीवाल जी का गौहाटी जैन समाज में उच्चस्थान है । आपके पिताजी श्री छोटूलाल जी बाकलीवाल का स्वर्गवास युवावस्था में हो गया । उस समय आप केवल एक वर्ष के शिशु थे । आपकी माताजी स्व.श्रीमती परती बाई जी बहुत ही धर्मपरायण महिला थीं । सामान्य शिक्षा प्राप्ति के पश्चात् आप व्यवसाय में चले गये और गल्ला एवं मनिहारी का व्यवसाय करने लगे। जय आप केवल 15 वर्ष के थे तभी श्रीमती चम्पादेवी के साथ विवाह सूत्र में बंध गये । आपके दो पुत्र हुये । ज्येष्ठ पुत्र चिरंजीलाल 58 वर्ष के हैं | आपको धर्मपत्नी सरबती बाई हैं जिनके दो पुत्र हैं। ये परम्परागत व्यवसायरत हैं। हुये थे । सन् MAN पता
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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