SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 112
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पूर्वांचल प्रदेश का जैन समाज /95 सामाजिक संस्थाओं की बहुत लम्बी सूची है जिनमें आपने किसी न किसी रूप में अपनी सेवायें दी हैं इनमें कुछ संस्थाओं के नाम निम्न प्रकार हैं : 1. . वर्तमान में भा. दि. जैन महासभा के कार्याध्यक्ष हैं इसके पूर्व आप उपाध्यक्ष थे । 2. पूर्वाञ्चल महासभा के प्रारम्भ से ही अध्यक्ष हैं। 3. शान्तिवीर सिद्धान्त संरक्षणी सभा के उपाध्यक्ष एवं शान्तिवीर संस्था के उपाध्यक्ष हैं। 4. लूणवा (राज) तीर्थ क्षेत्र कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। 5. हस्तिनापुर स्थित जम्बूद्वीप की कार्यकारिणी सदस्य, स्वाद्वाद शिक्षण परिषद् के पहले महामन्त्री एवं वर्तमान में उपाध्यक्ष है । 6. भगवान बाहुबली सहस्राब्दी महामस्तकाभिषेक कमेटी के सदस्य रहे तथा पांच स्वर्णकलश लेकर भगवान बाहुबलि का अभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त किया । 7. भगवान महावीर 25()() वां परिनिर्वाण समारोह समिति, धर्मचक्र, जम्बूद्वीप ज्ञान ज्योति के पूर्वाञ्चल के अध्यक्ष रहे। 8. पिछले 20 वर्षों में आयोजित होने वाले पंचकल्याणकों में किसी न किसी रूप से सक्रिय योगदान दिया है और दे रहे हैं । I 9. सोनागिर पंचकल्याणक के अवसर पर जैन युवा रत्न की उपाधि से अलंकृत हुये थे । 10. विदेश यात्रा में रुचि/ अब तक सन् 1970 में जापान की तथा सन् 1985 में यूरोप की यात्रा कर चुके हैं। 11. लायन्स क्लब डीमापुर के सन् 1968 में सदस्य बनने के पश्चात् आपको उत्तम निःस्वार्थ सेवाओं के आधार पर अनेक उपाधियों से अलंकृत किया जाता रहा है। 12. मणिपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के 100 वर्ष तक महामन्त्री भी रहे। डीमापुर कांग्रेस (आई) के सक्रिय सदस्य हैं। पी. एण्ड टी. सलाहकार समिति में नागालैण्ड शासन की ओर से सदस्य हैं। 13. बाकलीवाल जी श्री महावीर ग्रन्थ अकादमी जयपुर के संरक्षक एवं जैन इतिहास प्रकाशन संस्थान के परम संरक्षक विशेषतायें : कट्टर मुनि भक्त हैं। आर्ष मार्गी हैं। ओजस्वी वक्ता, कुशल मंच संचालक, मधुर भाषी एवं समाज सेवा में समर्पित युवा उद्योगपति हैं। पता: बाकलीवाल मोटर्स, डीमापुर (नागालैण्ड) ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy