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स्थापना करना भी निराकार स्थापना (असद्भाव स्थापना) पूजा कही जाती है। शेष चार पूजा की व्याख्या पूर्वकथित चार की तरह जानना चाहिए।
मानव जीवन के फल देवपूजा दया दानं, तीर्थयात्रा जपस्तपः ।
शास्त्रं परोपकारत्वं, मयंजन्मफलाष्टकम्॥ भावार्य (1 माला ) दमा, दान, (4) तीर्थयात्रा, (5) जप, (6) तप (इच्छा निरोध), (7) शास्त्र अध्ययन, (8) परोपकार-ये आठ मनुष्य-जन्म के उत्तम फल हैं।
जैन पूजा-काव्य का उद्भव और विकास :: 89