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आधुनिक हिन्दी महाकाव्यों में हुई हैं। तीर्थंकर, परमज्योति, श्रपणभगवान, अर्हत्, केवली भगवान, महामानव के रूप में महामहिम वर्द्धमान के ऐतिहासिक चरित्र को रूपकों, प्रतीकों, मिथकों के द्वारा पौराणिक महापुरुष
के रूप में मुख्यतः चित्रित किया गया हैं। (2) समस्त कवियों ने महावीर के चरित्र की अलौकिकता, दिव्यता, लोकोत्तरता
की महिमा का भक्ति-भाव से वर्णन किया हैं। संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश तथा पुरानी हिन्दी की भगवान महावीर-चरित सम्बन्धी महाकाव्यों की परम्परा का अनुकरण करते हुए आधुनिक हिन्दी महाकाव्यों में महावीर चरित्र को प्रस्तुत किया गया है। इसीलिए समस्त महाकाव्यों में भगवान महावीर के चरित्र को पंचकल्याणक महोत्सवों के प्रसंग वर्णनों द्वारा प्रस्तुत किया गया। ये समस्त महाकाव्य ऐतिहासिक होते हुए भी उनमें एक मात्र चरित्र ही इतिहाससिद्ध है। इनमें अन्य ऐतिहासिक यथार्थ
प्रसंगों का अभाव है। (3) आधुनिक कवियों ने ऐतिहासिक महावीर के चरित्र को मानवीय भावभमि
पर अवतरित होने नहीं दिया, अपितु उनके लोकोत्तर, ईश्वरीय रूप को ही अधिक ग्राह्य, आदर्शपरायण और परम आध्यात्मिक माना है। क्योंकि इन चरित महाकाव्यों में भगवान महावीर के उपदेशों का प्रतिपादन एवं प्रचार-प्रसार मुख्य उद्देश्य रहा है। भगवान महावीर के विचारों को जैन परम्परासम्मत रूप में उनकी आध्यात्मिकता एवं लोकोत्तरता को अक्षुण्ण एवं विशुद्ध रखा है। भगवान महावीर के जीवन-दर्शन को लेकर किसी सम्प्रदाय विशेष में मतभेद नहीं दिखाई देता। मतमतान्तर जो है वह भगवान महावीर की ऐतिहासिक जीवनी को लेकर है। आलोच्य महाकाव्यों के कवियों में से कवि वीरेन्द्र प्रसाद जैन ने अपने 'तीर्थंकर भगवान महावीर' महाकाव्य में महावीर की जीवनी को दिगम्बर सम्प्रदाय की मान्यताओं के अनुसार रेखांकित किया है। महावीर आजन्म ब्रह्मचारी रहे । युवावस्था में ही दिगम्बर मुनिदीक्षा ग्रहण करके निर्गन्ध के रूप में तप-साधना की। धन्यकुमार जैन 'सुधेश' ने महावीर के चरित्रांकन को दिगम्बर सम्प्रदाय के ढंग पर प्रस्तुत किया है। इन दोनों कवियों ने महावीर के जीवन में आदि से अन्त तक वीतरागता के रूप को स्पष्ट
किया है। (5) कवि अभयकुमार योधेय ने श्वेताम्बर मान्यताओं के अनुसार भगवान
महावीर के चरित्र में उनके विवाह तथा एक सन्तान होने की चर्चा की है। दीक्षा के समय सचेल होने का भी उल्लेख है। भगवान महावीर के
आधुनिक हिन्दी महाकाव्यों में वर्णित महावीर-चरित्र :: ।