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________________ जिससे जगत् के समस्त पदार्थों का स्वरूप ज्ञान सप्तभंगी शेली में पूर्णसत्य स्वरूप में प्राप्त हो सके। इस तरह समस्त मनुष्य मात्र में सही आत्मविश्वास निर्माण करके. भगवान महावीर ने सम्यग्ज्ञान से नैतिकतापूर्ण सदाचार का आचरण करने की प्रेरणा निर्माण कर प्रत्यक्षतः आत्मकल्याण और परोक्षत: लोककल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। अतः उनके चरित्र की प्राोंगकता त्रिकालवती हैं। भगवान महावीर के चरित्र की प्रासंगिकता आधुनिक हिन्दी के महावीर चरितमहाकाव्यों में भगवान महावीर के चरित्र की प्रासंगिकता निम्नरूप में चित्रित की गयी है। ___महावीर के चरित्र की प्रासंगिकता को चित्रित करते हुए कवि रघुवीरशरण कहते हैं "प्रभु महावीर की वाणी से, कविताओं को मिलता प्रकाश। स्वाधीन देश के फूलों में, तीर्थंकर का खिलता प्रकाश ॥ 'गाँधी जी' के सिद्धान्तों में, प्रभु महावीर की वाणी थी। जन-जन के हित के लिए मित्र, जिन की वाणी कल्याणी थी ।" (बीरायन, पृ. 349) अर्थात् भगवान महावीर के विचार-दर्शन का क्रियात्मक रूप महात्मा गाँधी जी की चरित्रगत विशेषताओं में हमें प्राप्त होता है। भगवान महावीर के अहिंसा अनेकान्त एवं सत्य आदि का व्यापक एवं प्रभावकारी प्रयोग बीसवीं शताब्दी में महात्मा गाँधी ने प्रत्यक्ष आचरण के द्वारा विश्व के सामने प्रस्तुत किया। इससे स्पष्ट होता है जिनेन्द्र भगवान महावीर की वाणी आधुनिक युग के परिवेश में आत्महितकारी एवं लोककल्याणकारी सिद्ध हो सकती है। तथा "युग बदला बदल गयी दुनिया, झूठे ईमान नहीं बदले। प्रभु महावीर के भारत में, गाँधी जी सच्ची राह चले ॥ गाँधी जी की वाणी गूंजी, या महावीर स्वामी बोले। जो सारे बन्धन तोड़ गये, वे बोल बुझाते हैं शोले ॥" (वही, पृ. 358) महात्मा गाँधी ने भगवान महावीर के जीवन-दर्शन को, अपने वैयक्तिक जीवन-चारित्र में आत्मविकास के लिए अपनाया, जिससे वे आत्मा से महात्मा बन गये तथा महावीर के विचारों के सामाजिक तत्त्वों का आधार लेते हुए भारत देश को पराधीन से स्वाधीन बनाया। महात्मा गांधी चाहते थे कि भारत देश में जीवन के समस्त क्षेत्रों में अहिंसा के आधार पर धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक 141 :: हिन्दी के महाकाव्यों में चित्रित भगवान महावीर
SR No.090189
Book TitleHindi ke Mahakavyo me chitrit Bhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushma Gunvant Rote
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size3 MB
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