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श्रीजिनदससूरिप्राचीनपुस्तकोद्धारफण्ड ग्रन्थाङ्क: २४
अर्थसहित जीवविचारादिप्रकरणसंग्रहः ।।
तथा आगमसार-नयचक्रसारः। जैनाचार्यश्रीमजिनकृपाचन्द्रसूरीश्वरजी महाराज साहिबके सनुपदेशसे हैदराबाद निवासी रायबहादुर दीवानबहादुर राजाबहादुर शेठ थानमलजी लुनीयाकेसहायसै छपवाया। प्रकाशक श्रीजिनदत्तसूरि ज्ञानभंडार, मु. सुरत, जह्वेरी पानाचन्द्र भगुभाई निर्णयसागरयश्रणालये कोलमाटवीध्या २६-२८ तमे रामचंद्र द्वारा मुद्रयित्वा प्रकाशितम् । विक्रम संवत् १९८५.
सपाद रूप्यकं ।। __क्राइष्टव १९२८, ENCERNERENCENTENANT