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–६. ४२ ]
बहुमूलमिश्रविभागानयनसूत्रम् - स्वफलैः स्वकालभक्तैस्तद्युत्या मूलमिश्रधनराशिम् । छिन्द्यादंशं गुणयेत् समागमो भवति मूलानाम् ॥ ३९ ॥ - अत्रोद्देशकः दशषट्त्रिपञ्चदशका वृद्धय इषवश्चतुस्त्रिषण्मासाः । मूलसमासो दृष्टश्चत्वारिंशच्छतेन संमिश्रा ।। ४० ।। पञ्चार्धषदशापि च सार्धाः षोडश फलानि च त्रिंशत् । मासास्तु पञ्च षट् खलु सप्ताष्ट दशाप्यशीतिरथ पिण्डः ॥ ४१ ॥ बहुकालमिश्रविभागानयनसूत्रम् -
स्वफलैः स्वमूलभक्तैस्तद्युत्या कालमिश्रधनराशिम् । छिन्द्यादंशं गुणयेत् समागमो भवति कालानाम् ॥ ४२ ॥
१ हस्तलिपि में छिन्द्यादंशान् पाठ है जो शुद्ध प्रतीत नहीं होता है ।
विभिन्न मूलधनों को उन्हीं के मिश्रयोग से अलग-अलग करने के नियम
उधार दी गई विभिन्न मूलधन की राशियों के मिश्रयोग का निरूपण करनेवाली राशि को उन भजनफकों के योग द्वारा विभाजित करो जो विभिन्न व्याजों को उनकी संवादी अवधियों द्वारा अलगअलग विभाजित करने पर प्राप्त होते हैं। परिणामी भजनफल को क्रमशः ऐसे विभिन्न भजनफलों द्वारा विभाजित करो जो कि विभिन्न व्याजों को उनकी संवादी अवधियों द्वारा विभाजित करने पर प्राप्त होते हैं । इस प्रकार विभिन्न मूलधन की राशियों को अलग-अलग निकालते हैं ॥ ३९ ॥
उदाहरणार्थ प्रश्न
दिये गये विभिन्न ब्याज १०, ६, ३ और १५ हैं और संवादी अवधियाँ क्रमशः ५, ४, ३ और ६ मास हैं; विभिन्न मूलधन की रकमों का योग १४० है । ये मूलधन की रकमें कौन-कौन सी हैं ? ॥४०॥ विभिन्न ब्याज राशियाँ ५, ६, १०२, १६ और ३० हैं । उनकी संवादी अवधियाँ क्रमशः ५, ६, ७, ८ और १० माह हैं। विभिन्न मूलधन की रकमों का मिश्रयोग ८० है । इन रकमों को अलगअलग बतलाओ ॥ ४१ ॥
विभिन्न अवधियों को उनके मिश्रयोग में से अलग-अलग प्राप्त करने के लिये नियम -
और,
विभिन्न अवधियों के मिश्रयोग का निरूपण करनेवाली राशि को उन विभिन्न भजनफलों के योग द्वारा विभाजित करो जो कि विभिन्न व्याजों को उनके संवादी मूलधनों द्वारा विभाजित करने पर प्राप्त होते हैं । और तब, परिणामी भजनफल को अलग-अलग उपर्युक्त भजनफलों में से प्रत्येक द्वारा गुणित करो। इस प्रकार विभिन्न अवधियाँ निकाली जाती हैं ॥४२॥
म
(३९) प्रतीक रूप से,
म
मिश्रक व्यवहारः
ब
अ
ब 3 +... अ
ब
+ अ. अ
(४२) प्रतीक रूप से,
२ +
ब्र २ +
મ
बर
ર
+ + अ s
= घ २१
म
ผิง ब 2 ब 3
ध,
ब ू अ
X
जहाँ म = ध, + + धg + ... इत्यादि
ब ू
[ ९९
ध
= घ;
+ + +... ध२ ध
...इत्यादि; इसी तरह अ, अ इत्यादि के मान निकालते हैं।
= अ, जहाँ म = अ + अ + अ +