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गणितसारसंग्रहः
[४. २३-- स्फुरदिन्द्रनीलवर्ण षट्पदवृन्दं प्रफुल्लितोद्याने। दृष्टं तस्याष्टांशोऽशोके कुटजे षडंशको लीनः ॥२३॥ कुटजाशोकविशेषः षड्गुणितो विपुलपाटलीषण्डे । पाटल्यशोकशेषः स्वनवांशोनो विशालसालवने ॥२४॥ पाटल्यशोकशेषो युतः स्वसप्तांशकेन मधुकवने । पञ्चांशः संदृष्टो बकुले पूरफुल्लमुकुलेषु ॥२५॥ तिलकेषु कुरबकेषु च सरलेष्वानेषु पद्मषण्डेषु । वनकरिकपोलमूलेष्वपि सन्तस्थे स एवांशः ॥२६॥ किञ्जल्कपुञ्जपिञ्जरकञ्जवने मधुकरात्रयस्त्रिंशत् । दृष्टा भ्रमरकुलस्य प्रमाणमाचक्ष्व गणक त्वम् ॥२७॥ गोयूथस्य क्षितिभृति दलं तद्दलं शैलमूले षट् तस्यांशा विपुलविपिने पूर्वपूर्वार्धमानाः। संतिष्ठन्ते नगरनिकटे धेनवो दृश्यमाना द्वात्रिंशत् त्वं वद मम सखे गोकुलस्य प्रमाणम् ॥२८॥
इति भागजात्युद्देशकः।
शेषजातावुद्देशकः षड्भागमाम्रराशे राजा शेषस्य पश्चम राज्ञो । तुर्यत्र्यंशदलानि त्रयोऽग्रहीषुः कुमारवराः ॥२९॥ शेषाणि त्रीणि चूतानि कनिष्ठो दारकोऽग्रहीत् । तस्य प्रमाणमाचक्ष्व प्रकीर्णकविशारद ॥३०॥ चरति गिरौ सप्तांशः करिणां षष्ठादिमाईपाश्चात्याः। प्रतिशेषांशा विपिने षड्दृष्टाः सरसि कति ते स्युः ॥ ३१ ॥
. १ M में 'स्फुरितेन्द्र०', पाठ है । वाले भ्रमरों के समूह (षट्पद वृन्द ) को प्रफुल्लित उद्यान में देखा गया। उस समूह का भाग अशोक वृक्षों में तथा भाग कुटज वृक्षों में छिप गया। जो क्रमशः कुटज और अशोक वृक्षों में छिप गये उन समूहों के अंतर को ६ द्वारा गुणित करने से प्राप्त भ्रमरों की राशि विपुल पाटली वृक्षों के समूह में छिप गई । पाटली और अशोक वृक्षों के भ्रमर समूहों के अन्तर को निज के भाग द्वारा हासित करने से प्राप्त भ्रमर राशि विशाल साल वृक्षों के वन में छिप गई। उसी अंतर को निज के भाग में मिलाने से प्राप्त भ्रमर राशि मधुक वृक्षों के वन में छिप गई। कुल समूह की भ्रमरराशि अच्छी तरह खिलीहुई कलियों वाले बकुल वृक्षों में छिपी देखी गई और वही भ्रमर राशि तिलक, कुरबक, सरल और आम के वृक्षों में, कमलों के समूह में और वनहस्तियों वाले मंदिरों के मूल में छिप गई । और, शेष ३३
मर बड़ीराशि के विभिन्न रंगां से व्याप्त कमल पुंज में देखे गये । हे गणितज्ञ ! भ्रमर समूह का संख्यात्मक मान दो ॥२३-२७॥ गोकुल (पशुओं के झुण्ड ) में से ३ भाग पर्वत पर है। उसका ३ भाग पर्वत के मूल में है। ऐसे ही ६ और भाग (जिनमें से प्रत्येक उत्तरोत्तर पूर्ववर्ती भाग का आधा है), किसी विपुल वन में है। शेष ३२ गायें नगर के निकट देखी जाती हैं। हे मेरे मित्र ! उस पशु झुण्ड का संख्यात्मक मान बतलाओ ॥२८॥ इस प्रकार, 'भाग' जाति के उदाहरणार्थ प्रश्न समाप्त हुए।
'शेष' जाति के उदाहरणार्थ प्रश्न आम्र फलों के समूह में से राजा ने भाग लिया; रानी ने शेष का भाग लिया और प्रमुख राजकुमारों ने उसी शेष के क्रमशः १, ३ और ३ भाग लिये । सबसे छोटे ने शेष ३ आम लिये। हे प्रकीर्णक विशारद ! आमसमूह का संख्यात्मक मान बतलाओ ॥२९-३०॥ हाथियों के झुण्ड का भाग पर्वत पर विचरण कर रहा है। क्रम से उत्तरोत्तर शेष के भाग को आदि रेकर तक झुण्ड भाग वन में डोल रहे हैं। शेष ६ सरोवर के निकट हैं। बतलाओ कि वे कितने हाथी हैं ? ॥३१॥