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कलासवर्णव्यवहारः
अत्रोद्देशकः
कश्चित्स्वकैरर्ध तृतीयपादैरंशोऽपरः पञ्चचतुर्नवांशैः । अन्यस्त्रिपञ्चांश नवांशका धैर्युतो युती रूपमिहांशकाः के || १२३||
कोऽप्यंशः स्वार्धपञ्चांशत्रिपादनवमैर्युतः । अर्धं प्रजायते शीघ्रं वदाव्यक्तप्रम प्रिय ॥ १२४ ॥ शेषेष्टंस्थानाव्यक्तभागानयनसूत्रम् -
लब्धात्कल्पितभागाः सवर्णितैर्व्यक्तरा शिभिर्भक्ताः । 'क्रमशो रूपविहीनाः स्वेष्टपदेष्वविदितांशाः स्युः ॥ १२५ ॥ इति भागानुबन्धजातिः ।
अथ भागापवाहजातौ सूत्रम् - हरहतरूपेष्वंशानपनय भागापवाहजातिविधौ । गुणया प्रांशच्छेदावंशोनच्छेद हाराभ्याम् ॥ १२६ ॥
-३. १२६ ]
१
B गुणयेदग्रांशहरौ रहितांशच्छेदहाराभ्याम् ।
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उदाहरणार्थ प्रश्न
( यौगिक अनुगम में ) स्वके 2, 3 और 8 भागों से संयवित एक भिन्न दिया गया है। अन्य भिन्न, स्व के फे, और ई भागों से संयवित हैं । पुनः अन्य भिन्न स्वके है, है और 2 भागों से संयवित हैं । इस तरह संयवित भिन्नों का योग १ हो तो बतलाओ कि ये भिन्न क्या-क्या हैं ? ॥ १२३॥ एक भिन्न स्वके 2, पे, और भागों से संयवित होकर ु हो जाता है। हे मित्र ! मुझे शीघ्र ही उस अज्ञात भिन्न का मान बतलाओ ॥ १२४॥
आरम्भ का स्थान छोड़कर अन्य इष्ट स्थानों के किसी अज्ञात भिन्न को निकालने के लिये नियमदिये गये योग के, मन से विपाटित भागों को जब क्रमशः इष्ट भागानुबंध भिन्नों की सरल की गई ज्ञात राशियों द्वारा विभाजित करते हैं और तब १ द्वारा द्वासित करते हैं, तब इष्ट स्थानों की अज्ञात भनीय राशियाँ प्राप्त होती हैं ॥ १२५ ॥
इस प्रकार, कलासवर्ण षड्जाति में भागानुबंध जाति नामक परिच्छेद समाप्त हुआ ।
भागापवाह जाति [ वियवित भिन्न ]
वियवित ( Dissociated ) भिन्नों को सरल करने के लिये नियमभागापवाह भिन्नों को सरल करने के लिये हर द्वारा घटाओ । जब विद्युत राशि पूर्णांक न होकर भिन्नीय हो तब अंश द्वारा द्वासित हर और दूसरे भिन्न के हर द्वारा गुणित करो ॥ १२६॥
गुणित वियुत पूर्ण संख्या में से अंश को क्रमशः अंश और प्रथम भिन्न के हर को
(१२५) इस नियम में दी गई विधि गाथा १२२ के समान है : इसमें प्राप्त फलों को एक द्वारा हासित किया जाता है ।
(१२६) भागापवाह का शाब्दिक अर्थ भिन्नीय वियवन है । जिस तरह भागानुबंध में भिन्न के दो प्रकार हैं, उसी तरह यहाँ भी २ प्रकार हैं। जब एक पूर्णांक और एक भिन्न भागापवाह सम्बन्ध में रहते हैं तब पूर्णांक में से भिन्न घटाया जाता है। दो या दो से अधिक भिन्न भी इस सम्बन्ध में हो सकते हैं, जैसे, स्वके है भाग द्वारा विद्युत के अथवा स्व के है, टेरे भागों द्वारा वियुत है; यहाँ अर्थ यह है कि पे का है, में में से ( प्रथम उदाहरण में ) घटाया जायगा दूसरे प्रश्न में : डे - डे का है
(ड - का है) का टे - 5 - डे का है - (3 - डे का है) का टे} का दे प्राप्त होता है ।