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________________ ७३२ क्रम १. २. ३. ४. ५. ६. ७. ८. ε. १०. ११. १२. १३. १४. क्रम १. २. ३. ४. ५. ६. ७. ८. ६. १०. ११. १२. १३. १४. पर्वत वैतास पर्वत चुल्लहिमवंत पर्वत महाहिमवन्त पर्वत निषध पर्वत शिखरी पर्वत रुक्मी पर्वत नीलवन्त पर्वत गजदन्त पर्वत गजदन्त पर्वत वक्षस्कार पर्वत मेरु पर्वत जम्बूद्वीप में धातकीखण्डद्वीप में पुष्कराद्वीप में कुल कुण्ड का नाम गंगाप्रपात कुण्ड सिन्धुप्रपात कुण्ड रक्तपातकुण्ड रक्तवतीप्रपातकुण्ड रोहिता प्रपातकुण्ड रोहितांशाप्रपातकुण्ड स्वर्ण कूलाप्रपातकुण्ड रुप्यकूलाप्रपातकुण्ड हरिसलिलप्रपात हरिकान्तापातकुण्ड नरकान्ताप्रपात कुण्ड नारीकान्तपाण्ड शीतापातकुण्ड शीतोदापात संख्या ३४ १ १ १ १ १ २ २ १६ १ ६१ १२२ १२२ ३०५ चौदह प्रभात कुण्डों के प्रमाणादि जम्बूद्वीप में कूट (शिखर) ' कूट संख्या आयाम ६० योजन " " " १२० योजन 11 २४० योजन ४६७ कूट ६३४ कूट ६३४ कूट २३३५ चौदह प्रपात कुण्डों के प्रमाणादि विष्कम्भ ६० योजन " 11 ४५० योजन ३०६ ११ " ८ ह ११ ८ & १८ १४ ६४ ε प्रत्येक वैताढ्य पर्वत पर नौ-नौ कूट हैं । प्रत्येक गजदन्त पर्वत पर नौ-नौ कूट । प्रत्येक गजदन्त पर्वत पर सात-सात कूट | प्रत्येक वक्षस्कार पर्वत पर चार-चार कूट ,, 33 १२० योजन " 23 17 २४० योजन " " ४८० योजन "1 १६० परिधि योजन से कुछ अधिक 33 33 ३८० योजन से कुछ कम 22 " ७६६ योजन ور " " परिशिष्ट : ३ गहराई १० योजन "3 27 " 11 " "" 27 " 11 "1 इन आठ पर्वतों पर कूट नहीं हैं। दो दमक पर्वत एक चित्रकूट एक विचित्रकूट और चार वृत्त वेतादय १ जम्बूद्वीप की चौदह प्रमुख नदियों के चौदह प्रपातकुष्ट हैं। इनमें से सात प्रपातकुण्ड मंदर पर्वत से दक्षिण में बहने वाली गंगा आदि सात नदियों के हैं और सात प्रपातकुण्ड मंदर पर्वत से उत्तर में बहने वाली रक्ता आदि सात नदियों के हैं । (शेष टिप्पण पृष्ठ ७६३ पर)
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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