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परिशिष्ट : २
प्रमाणांनुल के तीन प्रकार
सूत्र
प्रमाणांगुल के तीन प्रकार
प्रमाणांगुल के तीन प्रकार१. से समासओ तिविहे पण्णत्ते, तं जहा
६. वह प्रमाणांगुल संक्षेप में तीन प्रकार का है, यथा(१) सेढीअंगुले, (२) पयरंगुले, (३) घणंगुले,
(१) श्रेणी-अंगुल, (२) प्रतरांगुल, (३) धनांगुल । असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ सेढी,
असंख्य कोडाकोडी योजन की एक श्रेणी होती है। सेढी सेढीए गुणिया पयरं
श्रेणी से गुणित श्रेणी को प्रतर कहते हैं । पयरं सेढीए गुणियं लोगो,
प्रतर को श्रेणि से गुणित करने पर घनरूप लोक होता है। संखेज्जएणं लोगो गुणिओ लोगा,
संख्यात राशि से गुणित लोक संख्यात लोक तथा, असंखेज्जएणं लोगो गुणिमो असंखेज्जालोगा।
असंख्यात राशि से गुणित लोक असंख्यात लोक कहलाते हैं । ५०-एएसि णं सेढी अंगुल-पयरंगुल-घणंगुलाणं कयरे कयरे- प्र०-इन श्रेणी अंगुल, प्रतर अंगुल, घन अंगुल में कौन हितो अप्पेया-जाव-विसेसाहिया का?
किससे अल्प, अधिक यावत् विशेषाधिक है ? उ०–सम्वत्थोवे सेढी अंगुले,
उ०-सबसे कम श्रेणी अंगुल है। पयरंगुले असंखेज्जगुणे,
प्रतर अंगुल असंख्यातगुण है। घणंगुले असंखेज्जगुणे, से तं पमाणंगुले ।
उससे घन अंगुल असंख्यातगुण है । यह प्रमाण अंगुल है । से तं विभागनिप्फण्णे से तं खेत्तप्पमाणे ।
यह विभाग निष्पन्न क्षेत्र प्रमाण का वर्णन है । -अणु० सु० ३५६-३६२
परिशिष्ट : ३
आयाम-विष्कम्भ
जम्बूद्वीप खण्ड तालिका
योजन
कला | क्रम
क्षेत्र और पर्वतों के
१२
६
क्रम
जम्बूद्वीपति क्षेत्र और पर्वतों का आयाम-विष्कम्भ
भरतक्षेत्र २. चुल्लहिमवंत पर्वत ३. हैमवत क्षेत्र
महाहिमवंत पर्वत ५. हरिवर्ष
निषध पर्वत महाविहेह क्षेत्र
नीलवन्त पर्वत ६. रम्यक्वर्ष
रुक्मी पर्वत
हैरण्यवत क्षेत्र १२. शिखरी पर्वत १३. ऐरवतक्षेत्र
जम्बूद्वीप का आयामविष्कम्भ
१०५२ २१०५ ४२१० ८४२१ १६८४२ ३३६८४ १६८४२ ८४२१ ४२१० २१०५ १०५२ ५२६ १०.०० एक लाख योजन
भरतक्षेत्र चुल्लहिमवंत पर्वत हैमवत क्षेत्र महाहिमवंत पर्वत हरिवर्ष निषध पर्वत महाविदेह क्षेत्र नीलवन्त पर्वत रम्यक्वर्ष रुक्मी पर्वत हैरण्यवत क्षेत्र शिखरी पर्वत ऐरवतक्षेत्र जम्बूद्वीप के"
१९० खण्ड