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________________ सूत्र ११२१ तिर्यक्लोक : नक्षत्रों के स्वरूप का प्ररूपण गणितानुयोग ६३६ (दो सूर्यों के साथ योग करने वाले नक्षत्र-) (क) ता एएस णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं (क) इन छप्पन नक्षत्रों मेंअत्थि णक्खत्ता जे णं चत्तारि अहोरत्ते, छच्च मुहुत्ते कुछ नक्षत्र हैं जो चार अहोरात्र, छ मुहूर्त सूर्य के साथ योग सूरिएण सद्धि जोगं जोएंति, करते हैं। (ख) अत्थि णक्खत्ता जे गं छ अहोरत्ते, एगवीसं च मुहुत्ते (ख) कुछ नक्षत्र हैं जो छ अहोरात्र, इकवीस मुहूर्त सूर्य के सूरिएणं सद्धि जोगं जोएंति, साथ योग करते हैं। (ग) अत्थि णक्खत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते, बारस य मुहुत्ते (ग) कुछ नक्षत्र हैं जो तेरह अहोरात्र बारह मुहूर्त सूर्य के सूरिएण सद्धि जोगं जोएंति, साथ योग करते हैं। (घ) अत्थि णक्खत्ता जे णं वीस अहोरत्ते तिन्नि य मुहुत्ते (घ) कुछ नक्षत्र हैं जो बीस अहोरात्र तीन मुहूर्त सूर्य के सूरेण सद्धि जोगं जोएंति, साथ योग करते हैं। प०-(क) ता एएसि णं णक्खत्ताणं प्र०-(क) इन छप्पन नक्षत्रों मेंकयरे णक्खत्ता जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते कितने नक्षत्र हैं जो चार अहोरात्र छ मुहूर्त सूर्य के साथ सूरिएण सद्धि जोगं जोएंति ? योग करते हैं ? (ख) कयरे णक्खत्ता जे गं छ अहोरत्ते एगवीसं च मुहुत्ते (ख) कितने नक्षत्र हैं जो छह अहोरात्र इकवीस मुहूर्त सूर्य सूरिऐण सद्धि जोगं जोएंति ? । के साथ योग करते हैं ?। (ग) कयरे णक्खत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते, बारस य मुहत्ते (ग) कितने नक्षत्र हैं जो तेरह अहोरात्र बारह मुहूर्त सूर्य के सूरिएण सद्धि जोगं जोएंति? साथ योग करते हैं ? (घ) कयरे णक्खत्ता जे णं वीस अहोरत्ते, तिन्नि य मुहुत्ते (घ) कितने नक्षत्र हैं जो बीस अहोरात्र तीन मुहूर्त सूर्य के सूरिएण सद्धि जोगं जोएंति ? साथ योग करते हैं ? उ०—(क) ता एएसि गं छप्पण्णाए णक्खत्ता णं उ०—(क) इन छप्पन नक्षत्रों मेंतत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं चत्तारि अहोरत्ते, छच्च जो नक्षत्र चार अहोरात्र, छ मुहूर्त सूर्य के साथ योग करते मुहत्ते सूरेण सद्धि जोगं जोएंति, ते णं दो अभीयो, हैं वे दो अभिजित् हैं। (ख) तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एगवीसं च उ०-(ख) जो नक्षत्र छ अहोरात्र इकवीस मुहूर्त सूर्य के मुहुत्ते सूरेण सद्धि जोगं जोएंति, ते णं बारस, तं जहा- साथ योग करते हैं वे बारह हैं, यथा१. दो सतभिसया, २. दो भरणी, ३. दो अद्दा, ४. दो (१) दो शतभिषक्, (२) दो भरणी, (३) दो आर्द्रा, (४) दो अस्सेसा, ५. दो साती, ६. दो जेट्टा। अश्लेषा, (५) दो स्वाती, (६) दो ज्येष्ठा । (ग) तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारस मुहुत्ते (ग) जो नक्षत्र तेरह अहोरात्र बारह मुहूर्त सूर्य के साथ योग सूरेण सद्धि जोगं जोएंति, ते ण तीसं तं जहा- करते है वे तीस हैं, यथा१. दो सवणा, २. दो धणिट्ठा, ३. दो पुव्वाभद्दवया, (१) दो श्रवण, (२) दो धनिष्ठा, (३) दो पूर्वाभाद्रपद, ४. दो रेवती, ५. दो अस्सिणी, ६. दो कत्तिया, ७. दो (४) दो रेवती, (५) दो अश्विनी, (६) दो कृत्तिका, (७) दो संठाणा, ८. दो पुस्सा, ६. दो महा, १०. दो पुब्वा- मृगसर, (८) दो पुष्य, (६) दो मघा, (१०) दो पूर्वाफाल्गुनी, फग्गुणी, ११. दो हत्था, १२. दो चित्ता, १३. दो (११) दो हस्त, (१२) दो चित्रा, (१३) दो अनुराधा, (१४) दो अणुराधा, १४. दो मूला, १५. दो पुव्वासाढा, मूल, (१५) दो पूर्वाषाढ़ा। (घ) तत्य जे ते णक्खत्ता जे णं वीस अहोरते तिण्णि य (घ) जो नक्षत्र बीस अहोरात्र तीन मुहूर्त सूर्य के साथ योग मुहुत्ते सूरेण सद्धि जोगं जोएंति, ते णं बारस. तं जहा- करते हैं वे बारह हैं, यथा१. दो उत्तरापोटुवया, २. दो रोहिणी, ३. दो पुणव्वसु (१) दो उत्तराभाद्रपद, (२) दो रोहिणी, (३) दो पुनर्वसु, ४. दो उत्तराफग्गुणी, ५. दो विसाहा, ६. दो उत्तरा- (४) दो उत्तरा फाल्गुनी, (५) दो विशाखा, (६) दो उत्तराषाढ़ा । साढा,' -सूरिय. पा. १०, पाहु. २२, सु. ६० १ चंद. पा. १० सु. ६०।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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