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________________ सूत्र १०६८ तिर्यक्लोक : बारह अमावास्याओं में कुलादि नक्षत्रों का योग गणितानुयोग ६१७ ताह! उ.-ता कुलं वा जोएइ, उबकुलं वा जोएइ, नो लब्भइ उ०-कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र कुलोवकुलं, योग करता है किन्तु कुलोपकुलसंज्ञक नक्षा योग नहीं करता है । १. कुलं जोएमाणे पुब्बासाढा णक्खत्ते जोएइ, (१) कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो पूर्वाषाढा नक्षत्र योग करता है। २. उवकुलं जोएमाणे उत्तरासाढा णक्खत्ते जोएइ, (२) उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो उत्तराषाढा नक्षत्र योग करता है। ता पोषि णं अमावासं कुल वा जोएइ, उबकुलं वा इस प्रकार पौषी अमावास्या को कुलसंज्ञक नक्षा योग जोएइ, करता है और उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है । कुलेण वा जुत्ता, उवकुलेण वा जुत्ता, पोषि णं कुलसंज्ञक नक्षत्र और उपकुलसंज्ञक नक्षत्र में से किसी एक अमावासा जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, नक्षत्र का पौषी अमावास्या को योग होने पर वह उसी नक्षत्र से युक्त कही जाती है। ७. ५०–ता माहिं णं अमावासं किं कुलं जोएइ, उवकुलं (७) प्र०-माही अमावास्या को क्या कुलसंज्ञक नक्षा योग जोएइ, कुलोवकुलं जोएइ ? करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है ? उ०-कुलं वा जोएइ, उवकुलं वा जोएइ, कुलोवकुलं उ०-कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र वा जोएइ, योग करता है, और कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है । १. कुलं जोएमाणे अभीयो णक्खत्ते जोएइ, (१) कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो अभिजित् नक्षत्र योग करता है। २. उवकुलं जोएमाणे सवणे णक्खत्ते जोएइ, (२) उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो श्रवण नक्षत्र योग करता है। ३. कुलोवकुल जोएमाणे धणिट्ठा णक्खत्ते जोएइ, (३) कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो धनिष्ठा नक्षत्र योग करता है। ता माहिं गं अमावासं कुलं वा जोएइ, उवकुलं वा इस प्रकार माही अमावास्या को कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता जोएइ, कुलोवकुलं वा जोएइ, है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है और कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है। कुलेण वा जुत्ता, उबकुलेण वा जुत्ता, कुलोवकलेण कुलसंज्ञक नक्षत्र, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र और कुलोपकुलसंज्ञक वा जुत्ता माहि णं अमावासा जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, नक्षत्र में से किसी एक नक्षत्र का माही अमावास्या को योग होने पर वह उसी नक्षत्र से युक्त कही जाती है । ८.५०–ता फग्गुणीणं अमावासं कि कुलं जोएइ, उवकुल (क) प्र०-फाल्गुनी अमावास्या को क्या कुलसंज्ञक नक्षत्रा जोएइ, कुलोवकुलं जोएइ ? योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, कुलोपकुल संज्ञक नक्षा योग करता है ? उ०-कुलं वा जोएइ, उवकुलं वा जोएइ, नो लब्भइ उ०-कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है उपकुलसंज्ञक नक्षत्र कुलोबकुलं, योग करता है किन्तु कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग नहीं करता है। १. कुलं जोएमाणे सतभिसया णक्खत्ते जोएइ, (१) कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो शतभिषा नक्षत्र योग करता है। २. उवकुल जोएमाणे पुत्वापोटुवया णक्खत्ते जोएइ, (२) उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र योग करता है।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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