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सूत्र १०६८
तिर्यक् लोक : बारह अमावास्याओं में कुलादि नक्षत्रों का योग
गणितानुयोग
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दुवालसासु अमावासु कुलाइ-णक्खत्त-जोगसंखा- बारह अमावस्याओं में कुलादि नक्षत्रों की योग संख्या१८. १.५०-ता साविट्ठिण्णं अमावासं कि कुलं जोएइ, उवकुलं ६७. (१) प्र०-श्रावणी अमावास्या को क्या कुलसंज्ञक नक्षत्र जोएइ, कुलोवकुलं जोएइ ?
योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है या कुलोपकुल
संज्ञक नक्षत्र योग करता है ? उ०-कुलं वा जोएइ, उवकुलं वा जोएइ, नो लब्भइ उ०-कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र कुलोवकुलं,
योग करता है किन्तु कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता नहीं है । १. कुलं जोएमाणे महा णक्खत्ते जोएइ,
(१) कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो मघा नक्षत्र योग
करता है। २. उवकुलं जोएमाणे असिलेसा जोएइ,
(२) उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो अश्लेषा नक्षत्र योग
करता है। ता साविट्ठि णं अमावासं कुलं वा जोएइ, उवकुलं इस प्रकार श्रावणी अमावास्या को कुलसंज्ञक नक्षत्र योग वा जोएइ, कुलोवकुलं जोएइ।
करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है । कुलेण वा जुत्ता, उवकुलेण वा जुत्ता, साविट्ठी कुलसंज्ञक नक्षत्र और उपकुलसंज्ञक नक्षत्र में से किसी एक अमावासा जुताति बत्तन्वं सिया।
नक्षत्र का श्रावणी अमावास्या को योग होने पर वह उसी नक्षत्र
से युक्त कही जाती है। २.५०–ता पोटुवइ णं अमावास कि कुलं जोएइ, उबकुलं (२) प्र०-भाद्रपदी अमावास्या को क्या कुलसंज्ञक नक्षत्र जोएइ, कुलोवकुलं जोएइ?
योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, कुलोपकुलसंज्ञक
नक्षत्र योग करता है? उ०-कुल वा जोएइ, उवकुलं वा जोएइ, नो लन्भइ उ०-कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है और उपकुलसंज्ञक नक्षत्र कुलोवकुल,
योग करता है किन्तु कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग नहीं करता है । १. कुलं जोएमाण उत्तराफग्गुणी जोएइ,
(१) कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र योग
करता है। २. उवकुल जोएमाणे पुवाफग्गुणी जोएइ,
(२) उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र
योग करता है। पुटुवई णं अमावासं कुलं वा जोएइ, उवकुलं वा इस प्रकार भाद्रपदी अमावास्या को कुलसंज्ञक नक्षत्र योग जोएइ,
करता है और उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है। कुलेण वा जुत्ता, उवकुलेण वा जुत्ता, पोटुवया कुलसंज्ञक नक्षत्र और उपकुलसंज्ञक नक्षत्र में से किसी एक अमावासा जुत्ताति बत्तव्वं सिया ।
नक्षत्र का भाद्रपदी अमावास्या को योग होने पर वह उसी नक्षत्र
से युक्त कही जाती है। ३. ५०- ता आसोई णं अमावासं किं कुलं जोएइ, उवकुलं (३) प्र०-आसोजी अमावास्या को क्या कुलसंज्ञक नक्षत्र जोएइ, कुलोवकुलं जोएइ ?
योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, कुलोपकुल
संज्ञक नक्षत्र योग करता है ? उ०-कुलं वा जोएइ, उवकुलं वा जोएइ, नो लन्भइ उ०—कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र कुलोवकुलं,
योग करता है किन्तु कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग नहीं करता है। १. कुलं जोएमाणे चित्ता पक्खत्ते जोएइ,
(१) कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो चित्रा नक्षत्र योग
करता है। २. उवकुलं जोएमाणे हत्थ णक्खत्ते जोएइ,
(२) उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो हस्त नक्षत्र योग करता है।