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________________ ६१० लोक- प्रज्ञप्ति तिर्यक् लोक बारह पूर्णिमाओं में कुलादि नक्षत्रों को योग संख्या wwwwwwwww दुवालसासु पुण्णमासिणीसु कुलाइ णक्खत्त-जोगसंखा - ७. १५० -ता साविट्टिण्णं पुष्णिमं णं किं कुलं जोएइ, उवकुलं जोएड. कुलोकुल जोएड - ३०ता कुतं वा जोएडा जोएल वा जोएइ । १. कुल जोएमा धान जोएड २. उपकुल जोमाने सय खते जोएड ३. कुलोवकुलं जोएमाणे अभिई णक्खते जोएइ, साविहिणि पुष्णिमं कुलं वा जोएड उपकृतं वा जोएइ कुलोवकलं वा जोएइ । कुवा, कुवा, लोवलेज या कुत्ता साविट्टी पुणिमा जुत्ताति वत्तव्वं सिया । २. १०ता पोहणं मंजोए जोएइ, कुलोवकुलं वा जोएइ ? उपकुल उ०तावा जो उपकुलं या जोएड. कुलो वा जोएइ, १. कुलं जोएमाणं उत्तरापोट्ठवया णक्खत्ते जोएइ, २. उपकुल जोमाणे पुण्यापोवा णक्खसे नोएड ३. कुलोवकुलं जोएमाणे सतभिसया णक्खत्ते जोएइ, पोहणं पृष्णिमं कुलं वा जोएड उबकुलं वा जोएइ, कुलोवकुलं वा जोएई', कुलेण वा, उवकुलेण वा कुलोवकुलेण वा जुत्ता पुटुवया पुण्णिमा जुत्ताति वत्तम्वं सिया । ww सूत्र १०६७ बारह पूर्णिमाओं में कुलादि नक्षत्रों की योग संख्या९७ (१) प्र० - श्रावणी पूर्णिमा को क्या कुल संज्ञक नक्षत्र योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है या कुलोपकुल संज्ञक नक्षत्र योग करता है ? उ०- कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता हैं, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है और कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है । ( १ ) कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो धनिष्ठा नक्षत्र योग करता है । (२) उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो श्रवण नक्षत्र योग करता है । (३) कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो अभिजित् नक्षत्र योग करता है । इस प्रकार श्रावणी पूर्णिमा को कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, उपलसंग करता है और कुलोपनक्ष योग करता है । कुलसंज्ञक, उपकुलसंज्ञक और कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र में से किसी एक नक्षत्र का श्रावणी पूर्णिमा को योग होने पर वह उसी नक्षत्र से युक्त कही जाती है । (२) प्र० - भाद्रपदी पूर्णिमा को क्या कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, कुलोपकुल नक्षत्र योग करता है ? उ०- कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है, उपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है और कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र भी योग करता है । (१) कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करे तो उत्तराभाद्रपद नक्षत्र योग करता है । (२) उपकुल संज्ञक नक्षत्र योग करे तो पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र योग करता है । (३) कुलोपकुल संज्ञक नक्षत्र योग करे तो शतभिषक् नक्षत्र योग करता है । इस प्रकार भाद्रपदी पूर्णिमा को कुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है। उपकुलगंज्ञक नक्षत्र योग करता है और कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र योग करता है । 1 उपकूल और कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्र में से किसी एक नक्षत्र का भाद्रपदी पूर्णिमा को योग होने पर वह उसी नक्षत्र से युक्त कही जाती है। १ शेषमपि सूत्र निगमनीयं एवं नेयव्त्राओ, जाव - आसाढी- पुष्णिमं जुत्तेति बत्तव्वं सिया णवरं पौषी पौर्णमासी, ज्येष्ठामूली च पौर्णमासी कुलोपकुलमपि युनक्ति, अवशेषामू च पौर्णमासीषु कुलोपकुलनास्तीति परिभाव्य वक्तव्याः । - सूर्य. टीका
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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