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________________ २७४ लोक-प्रज्ञप्ति तिर्यक् लोक : पूर्णिमाओं में चन्द्र और सूर्य का नक्षत्रों से योग सूत्र १०६५ पुणिमासिणिसु चंदस्स य सूरस्स य णक्खत्ता णं पूर्णिमाओं में चन्द्र और सूर्य का नक्षत्रों से योग__ जोगो ६५. १. (क) प०–ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढम पुण्णि- ६५. (१) (क) प्र०-इन पाँच संवत्सरों की प्रथमा पूर्णमासी में मासिणि चंदे केणं णक्खत्ते णं जोएइ? चन्द्र किस नक्षत्र से योग करता है ? उ०--ता धणिवाहि धणिट्ठाणं तिण्णि मुहुत्ता एगूण- उ०-धनिष्ठा के तीन मुहूर्त, एक मुहूर्त के बासठ भागों वीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च में से उगणीस भाग और बासठवें भाग के सडसठ विभागों में से सत्तद्विधा छेत्ता पण्णट्ठि चुणिया भागा सेसा, पैसठ चूणिका भाग शेष रहने पर चन्द्र धनिष्ठा नक्षत्र से योग करता है। (ख) प०-तं समयं च णं सूरिए के णं णक्खत्ते णं (ख) प्र०-उस समय सूर्य किस नक्षत्र से योग करता है ? जोएइ ? उ०–ता पुव्वफग्गुणोहिं पुन्वफग्गुणीणं अट्ठावीसं उ०-पूर्वाफाल्गुनी के अठावीस मुहूर्त, एक मुहूर्त के बासठ मुहुत्ता अद्रुतीसं च बाट्ठिभागा मुहुत्तस्स भागों में से अड़तीस भाग और बासठवें भाग के सडसठ भागों में बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिधा छेत्ता बत्तीसं से बत्तीस चूणिका भाग शेष रहने पर सूर्य पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चुण्णिया भागा सेसा, साथ योग करता है। २. (क) ५०–ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्च पुण्णि- (२) (क) प्र० - इन पाँच संवत्सरों की द्वितीया पूर्णमासी मासिणि चंदे के णं णक्खत्ते णं जोएइ ? में चन्द्र किस नक्षत्र से योग करता है ? उ०-ता उत्तराहि पोट्ठवयाहिं उत्तराणं पोट्ठवया उ०-उत्तरा भाद्रपद के सत्तावीस मुहूर्त एक मुहूर्त के णं सत्तावीसं मुहुत्ता चोद्दस्स य बावट्ठि- बासठ भागों में से चौदह भाग और बासठवें भाग के सड़सठ भागा मुहत्तस्स बावट्ठि भागं च सत्तद्विधा भागों में से बासठ चूणिका भाग शेष रहने पर चन्द्र उत्तरा छत्ता बावट्ठि चुणिया भागा सेसा, भाद्रपद नक्षत्र से योग करता है । (ख) प०-तं समयं च णं सूरिए के गं णक्खत्ते गं (ख) प्र०-उस समय सूर्य किस नक्षत्र से योग करता हैं ? जोएइ? उ०—ता उत्तराहि फग्गुणीहिं उत्तराफग्गुणोणं उ०-उत्तरा फाल्गुनी के सात मुहूर्त एक मुहूर्त के बासठ सत्तमुहत्ता च तेत्तीसं च बावट्ठिभागा भागों में से तेतीस भाग और बासठवें भाग के सड़सठ भागों में मुहुत्तस्स बावठ्ठि भागं च सत्तठिधा छेत्ता, से इक्कीस चूणिका भाग शेष रहने पर सूर्य उत्तरा फाल्गुनी एक्कवीसं चुणिया भागा सेसा, नक्षत्र से योग करता है। ३. (क) ५०-ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं पुण्णि- (३) (क) प्र०-इन पाँच संवत्सरों की तृतीया पूर्णिमासी मासिणि चंदे के णं णक्खत्ते गं जोएइ? को चन्द्र किस नक्षत्र के साथ योग करता है ? उ०-ता अस्सिणीहि अस्सिणीणं एक्कवीसं मुहुत्ता उ०—अश्विनी के इक्कीस मुहूर्त, एक मुहूर्त के बासठ भागों णव य बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स, बावट्ठिभागं में से नौ भाग और बासठवें भाग के सड़सठ भागों में से सठ च सत्तद्विधा छेत्ता तेवढेिं चुणिया भागा चूणिका भाग शेष रहने पर चन्द्र अश्विनी नक्षत्र के साथ योग करता है। (ख) प०-तं समयं च णं सूरे के णं णक्खत्ते णं जोएइ? (ख) प्र०-उस समय सूर्य किस नक्षत्र से योग करता है ? उ०–ता चित्ताहि चित्ताणं एक्को मुहुत्तो अट्ठावीसं उ०-चित्रा का एक मुहूर्त, एक मुहूर्त के बासठ भागों में च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स, बावट्ठिभागं च से अठावीस भाग और बासठवें भाग के सड़सठ भागों में से सत्तट्ठिया छत्ता, तीसं चुणियाभागा सेसा, तीस चूणिका भाग शेष रहने पर सूर्य चित्रा नक्षत्र से योग करता है। ४. (क) ५०-ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दुवालसमं (४) (क) प्र०-इन पाँच संवत्सरों की बारहवीं पूर्णिमासी पुण्णिमासिणि चंदे केणं णक्खत्ते गं जोएइ? को चन्द्र किस नक्षत्र से योग करता है ? सेसा,
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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