SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 625
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४६४ लोक-प्रज्ञप्ति तिर्यक् लोक : चन्द्र-सूर्य-नक्षत्रों की मण्डल गति सूत्र ९७१-९७३ उ०–ता तेरस मंडलाइं चरइ । तेरस य सत्तट्ठिभागे उ-तेरह मण्डल और एक मण्डल के सडसठ भागों में से मंडलस्स। तेरह भाग पर्यन्त गति करता है । २. ५०–ता णक्खत्ते णं मासे णं सूरे कइ मंडलाइं चरइ? (२) प्र०-नक्षत्रमास में सूर्य कितने मण्डल पर्यन्त गति करता है ? उ०–ता तेरस मंडलाइं चरइ। चोत्तालीसं च सत्तट्ठिभागे उ०-तेरह मण्डल और एक मण्डल के सडसठ भागों में से मंडलस्स। चुमालीस भाग पर्यन्त गति करता है। ३. प०-ताणक्खत्ते णं मासे मणक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ? (३) प्र०-नक्षत्र मास में नक्षत्र कितने मण्डल पर्यन्त गति करता है? उ०—ता तेरस मंडलाइं चरइ । अद्ध सेतालीसं च सत्तट्ठि- उ-तेरह मण्डल और एक मण्डल के सडसठ भागों में से भागे मंडलस्स ।' -सूरिय. पा. १५, सु. ८५ साड़े सेंतालीस भाग पर्यन्त गति करता है। उडमासे चंदस्स सूरस्स णक्खत्तमासस्स य मण्डल चारं- ऋतुमास में चन्द्र-सूर्य और नक्षत्रों की मण्डल गति संख्या९७२. १. १०–ता उडुणा मासे गं चन्दे कइ मंडलाई चरइं? ६७२. (१) प्र०-ऋतुमास में चन्द्र कितने मण्डल पर्यन्त गति ____ करता है? -ता चोइस मंडलाइं चरइ तीसं च एगट्ठिभागे उ०-चौदह मण्डल पूर्ण और मण्डल के इगसठ भागों में से मंडलस्स । तीस भाग पर्यन्त चन्द्र गति करता है। २. ५०–ता उडुणा मासे णं सूरे कइ मंडलाई चरइ? (२) प्र०-ऋतुमास में सूर्य कितने मण्डल पर्यन्त गति करता है ? उ०-ता पण्णरस मंडलाइं चरइ । उ०-पन्द्रह मण्डल पूर्ण पर्यन्त सूर्य गति करता है? ३. ५०-ता उडुणा मासे ण णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ? (३) प्र०---ऋतुमास में नक्षत्र कितने मण्डल पर्यन्त गति करता है ? उ०–ता पण्णरस मंडलाइं चरइ। पंच य बावीससय भागे उ०-पन्द्रह मण्डल पूर्ण और सोलहवें मण्डल के एक सौ __मंडलस्स। -सूरिय, पा. १५, सु. ८५ बावीस भागों में से पांच भाग पर्यन्त नक्षत्र गति करता है। अभिवडिढयमासे चंदस्स सरस्स णक्खत्तस्स य मंडल अभिवधित मास में चन्द्र-सूर्य और नक्षत्रों की मण्डल गति चार संख्या१७३. १.५०–ता अभिवढिए णं मासे णं चन्दे कइ मंडलाइं ९७३. (१) प्र०-अभिवधितमास में चन्द्र कितने मण्डल गति चरइ? करता है ? उ०-ता पण्णरस मंडलाई चरइ, तेसीई छलसीयभागे उ०-पन्द्रह मण्डल पूर्ण सोलहवें मण्डल के छियासी भागों मंडलस्स । में से तियासी भाग पर्यन्त चन्द्र गति करता है। २.५०-ता अभिवढिए णं मासे गं सूरे कइ मंडलाई (२) प्र०-अभिवधित मास में सूर्य कितने मंडल गति चरइ? करता है ? उ०–ता सोलस मंडलाइं चरइ, तिहिं भागेहिं ऊणगाई उ०-सोलह मंडल पूर्ण, सत्रहवें मंडल के दो सौ अड़तालीस दोहि अडयालेहिं सएहिं मंडलं छित्ता। भागों में से तीन भाग कम सूर्य गति करता है । ३. ५०–ता अभिवढिए णं मासे णं णक्खत्ते कइ मंडलाइं (३) प्र०-अभिवधित मास में नक्षत्र कितने मंडल गति चरइ? करता है ? उ०–ता सोलसमंडलाई चरइ । सेयालीसएहि भागेहिं उ०-सोलह मंडल पूर्ण सत्रहवें मंडल के चौदह सौ अदासी अहियाहिं चोइसहिं अट्ठासीएहि मंडलं छेत्ता। भागों में से सैंतालीस भाग अधिक पर्यन्त नक्षत्र गति करता है। -सूरिय. पा. १५, सु. ८५ २ चन्द. पा. १५, सु. ८५ । १ ३ चन्द. पा. १५, सु. ८५ । चन्द. पा. १५, सु. ८५ ।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy