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लोक- प्रज्ञप्ति
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२. ५० -- ता एगमेगे णं अहोरते णं सूरे कइ मंडलाई चरइ ?
उ०- ता एवं अद्धमंडलं चरइ ।
३. प० - ता एगमेगे णं अहोरते णं णक्खत्ते कइ मंडलाई ?
तिर्यक लोक चन्द्र-सूर्य-नक्षत्रों की मण्डल गति
चरइ
उ०- ता एवं अद्धमंडलं चरइ, दोहिं भागेहं अहियं सतह बत्तीसह सहि अद्धमडलं ऐसा
- सूरिय. पा. १५, सु, ८६ एगमेगे मंडले चन्द-सूर गवसताण अहोरत चारं
ε६७. १. १० – ता एगमेगं मंडलं चंदे कतििह अहोरतेहि चरइ
?
उ०- ता दोहिं अहोरतेहि चरइ एक्कती सेहि भाएहि अहिएहि चहि चोपालेहि सहि राइदिएहि ऐसा । २० मंडल सुरे कतिहि अहोरह रह ?
उ०- ता दोहिं अहोरतेहि चरइ । ३. ५० ता एमेमंड
उ०ता दोहि अहोरसंहि चर
तिहिं सत्तस हि सएहिं
दोहि मागेहि अहि राइदिएहिं छेत्ता । " यि पा. १५,०६ एगमेगे जुगे चन्द सूर-णक्खत्ताणं मंडल चारं -
६८. १. ५० - ता जुगे णं चन्दे कइ मंडलाई चरइ ?
कतिहि अहोरसेहि चरह ?
उ०ता सीए मंडलए चर । २. प० – ता जुगे णं सूरे कइ मंडलाई चरइ ?
उ०- ता णव पण्णरस मंडलसए चरइ । ० - ता जुगे णं णक्खत्ते कइ मंडलाई चरइ ?
३. ५०
उ०—ता अट्ठारस पणतीसे दुभागमंडलसए चरइ ।
चन्द. पा. १५, सु. ८६ ।
चन्द. पा. १५, सु. ८६ ।
इन्वेसा मूहलाई रिक्य-उदुमास राईदिय-जुग मंडल पभिति सिम्यगई वस्त्थू आहिए तिबेमि मूरिय. पा. १२.६
।
(२) प्र० - प्रत्येक अहोरात्र में सूर्य कितने मण्डल पर्यन्त गति करता है ?
उ०- एक अर्द्ध मण्डल पर्यन्त गति करता है ।
सूत्र ६६५-६६८
(३) प्र० - प्रत्येक अहोरात्र में नक्षत्र कितने मण्डल पर्यन्त गति करता है ?
उ०- एक अर्द्ध मण्डल और अर्द्ध मण्डल के सात सौ बत्तीस भागों में से दो भाग अधिक नक्षत्र गति करता है ।
प्रत्येक मण्डल में चन्द्र-सूर्य और नक्षत्र कितने अहोरात्र गति करता है
६७. (१) प्र० - प्रत्येक मण्डल को चन्द्र कितने अहोरात्र में पूर्ण रूप से पार करता है ?
उ०- दो अहोरात्र और एक अहोरात्र के चार सौ चुमालीस भागों में से इकतीस भाग अधिक में चन्द्र प्रत्येक मण्डल को पार करता है ।
(२) प्र० - प्रत्येक मण्डल को सूर्य कितने अहोरात्र में पार करता है ?
उ०—दो अहोरात्र में प्रत्येक मण्डल को सूर्य पार करता है । (३) प्र० - प्रत्येक मण्डल को नक्षत्र कितने अहोरात्र में पार करता है ?
उ०- दो अहोरात्र और एक अहोराय के तीन सौ सदसठ भागों में से दो भाग कम प्रत्येक मण्डल को नक्षत्र पार करता है।
प्रत्येक युग में चन्द्र-सूर्य और नक्षत्रों की मण्डल गति६८. (१) प्र० - प्रत्येक युग में चन्द्र कितने मण्डल गति करता है ?
उ०- आठ सौ चौरासी मण्डल पर्यन्त गति करता है । (२) प्र० - प्रत्येक युग में सूर्य कितने मण्डल पर्यन्त गति करता है ?
उ०- पन्द्रह सौ नौ मण्डल गति करता है ।
(३) प्र० - प्रत्येक युग में नक्षत्र कितने मण्डल पर्यन्त गति करता है ?
उ०- अठारह सौ पैंतीस अर्द्ध मण्डल पर्यन्त नक्षत्र गति करता है ।
यह मुहूर्त गति नक्षत्र ऋतुमास अहोरात्र- युग, मण्डल आदि की शीघ्र गति का अध्ययन कहा, ऐसा मैं कहता हूँ ।
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चन्द. पा. १५, सु. ८६ ।