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________________ तृतीय श्रेणो धर्मशीला श्रीमती हंजाबाई प्रेमचन्द जी साकरिया आपका जीवन बहुत ही धर्ममय त्याग मय है। आपके सपुत्र श्री साकलचन्दजी डा० घीसूलाल जी आदि सभी परिवार की पूज्य गुरुदेव के प्रति गहरी श्रद्धा एवं भक्ति है। साकरिया ब्रादर्स नाम से बम्बई (सायन) में आपके परिवार का मेडिकल व्यवसाय है। आगम अनुयोग ट्रस्ट को आपका सक्रिय सहयोग मिला है। श्रीमती गैहरीलालजी कोठारी [ बम्बई] श्रीमान गहरी लाल जी कोठारी मेवाड मंघ शिरोमणि प्रवर्तक श्री अम्बालालजी म० के प्रति विशेष भक्तिभाव रखने वाले धर्मप्रेमी उदार हृदय सज्जन है। आप समाज के सभी कार्यों में तन-मन-धन से आगे रहकर सेवा करते हैं। बड़े ही हँसमुख, सरल स्वभावी और दानी सज्जन है। आपकी धर्मपत्नी सुश्राविका भी आपकी भांति दान-शील-तप-आदि धर्माचरण में विशेष रुचि रखती है। आगम अनुयोग टस्ट के प्रकाशन कार्य में आपका सहयोग प्राप्त हुआ है। आप मूलतः सेमा (मेवाड) निवासी है। वर्तमान में कोठारी ज्वेलर्स, नाम से सायन (बम्बई) में आपका व्यवसाय है। श्रीमती पारस देवी मोहन लाल जी पारख, हैदराबाद श्रीमान मोहनलाल जी मूलतः लाम्बिया (मारवाड़) निवासी है। आप बहुत ही उदार हृदय के धर्म प्रेमी सज्जन है। सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में सदा सहयोग प्रदान करते रहते हैं। हैदराबाद में आपका फाइनेन्स का व्यवसाय ही श्रीमती पारसदेवी पीही निवासी श्रीमान घोसलाल जी कोठारी की बहन है। साधु सन्तों के प्रति विशेष भक्तिभाव है। आगम अनुयोग ट्रस्ट के आप सक्रिय सहयोगी है।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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