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द्वितीय श्रेणी श्रीमती केलीबाई देवराज जी चौधरी
जैतारण, (मारवाड़) आप बहुत ही धार्मिक दानवीर महिला हैं। आपके सुपुत्र श्री शान्तिलाल जी एवं श्री धर्मीचन्द जी चौधरी कर्मठ कार्यकर्ता हैं। आपका व्यवसाय तिरुपति बालाजी में है। आपने अनेक बार बहुत लम्बे-लम्बे मुनि दर्शनार्थ संघ निकाले हैं स्थान-स्थान पर दान देकर सम्पत्ति का सदुपयोग कर रहे हैं । आपने आगम अनुयोग ट्रस्ट को भी सहयोग प्रदान किया है।
श्रीमती चन्द्रादेवी बंब, टोंक (राज०)
आपका जन्म आसोज बदी १२ सन् १९३३ दिल्ली में हुआ। सन् १९४५ में (राज०) के प्रतिष्ठित परिवार के श्री धन्नालालजी बंब के सुपुत्र श्री गंभीरमल जी के साथ पाणिग्रहण हआ। आपके दो सुपुत्र श्री अजीतकुमार एवं श्री अशोक कुमार हैं।
आप अनुयोग प्रवर्तक पं० रत्न मुनि श्री कन्हैयालाल जी म. 'कमल' एव महासती श्री पानकंवर जी, तथा रत्नकंवर जी से विशेष प्रभावित हुई हैं।
श्री विनय मुनि जी 'वागीश' के जीवन निर्माण में एवं धर्म की और अग्रसर करने में आप प्रमुख रही हैं। आप स्वयं के दीक्षा लेने के उग्रभाव थे परन्तु स्वास्थ्य अनुकूल न होने के कारण न ले सके । आपका स्वभाव बहत ही विनम्र है। आपने अनुयोग ट्रस्ट में विशेष योगदान दिया है।