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________________ प्रथम श्रेणी स्व० श्री मेघराज जी बम्ब, हैदराबाद आप मूलतः पीही मारवाड़ निवासी हैं। हैदराबाद में रह कर आपने बहुत बड़ा व्यापार किया। अनेक सुकृत कार्यों में उदार मन से जीवन पर्यन्त सहयोग करते रहे । शमशेरगंज में धर्म आराधना हेतु एक भवन का निर्माण भी कराया। आपका स्वास्थ्य कुछ वर्षों से अच्छा नहीं था, कुछ वर्ष पूर्व आपका स्वर्गवास हो गया। आप पूज्य गुरुदेव श्री महाराज के अनन्य भक्त थे, आप अन्तिम समय तक गुरुदेव के चातुर्मास की प्रबल भावना करते रहे । वह भी सफल हुई और गुरुदेव का चातुमसि वि० सं० २०२८ का हुआ। आपके भाई चांदमल जी भीमराज जी शिवराज जी भी बहुत ही धामिक उदार व गुरुभक्त हैं। आप आगम अनुयोग ट्रस्ट के प्रथम श्रेणी के सहयोगी बने । श्री माणिकलाल एम० बगड़िया आप मूलतः दामनगर (सौराष्ट्र) निवासी है। वहाँ का बगड़िया परिवार धर्म के प्रति उत्साह शील तथा ज्ञान के प्रति विशेष रुचि रखता है । आप बहुत ही उदारमना, सुश्रावक है। आगम अनुयोग ट्रस्ट के आप प्रथम श्रेणी के सक्रिय सदस्य है। बोटाद सम्प्रदाय के पूज्य श्री अमीचन्द जी म० के भक्त धर्म-अनुरागी श्रावक हैं।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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