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________________ الله ० 99999 Pururur 900 ० ० AY MY 9 ७७२ M is ० सूत्रांक पृष्ठांक सूत्रांक पृष्ठांक मानुषोत्तर पर्वत के चार कूट ७५३ ३७४ समयक्षेत्र में क्षेत्र पर्वतादि का प्ररूपण ३८८ मानुषोत्तर पर्वत के नाम का हेतु ७५४ समयक्षेत्र में भरतादि का प्ररूपण ७६४ ३८६ पुष्करवरद्वीप के दो विभाग ७५५ ३७५ समयक्षेत्र के कुराओं में वृक्ष और देवों का आभ्यन्तर पुष्कराधं का संस्थान ७५६ ३७५ निरूपण ३८६ पुष्करवरद्वीपार्ध में कर्मभूमियाँ ३७६ मनुष्यक्षेत्र में दो समुद्र ७९६ ३८६ पुष्करवरद्वीपार्ध में अकर्मभूमियाँ ७५८ ३७६ मनुष्यक्षेत्र के नाम का हेतु ७६७ ३८६ पुष्करवरद्वीपार्ध में वर्षधर पर्वत ७५६ ३७६ पुष्करोद समुद्र वर्णन ७९८.८०३ ३६०-३६१ पुष्करवरद्वीपाध में वक्षस्कार पर्वत ७६१ ३७७ पुष्करोदसमुद्र का संस्थान ७६८ ३६० पुष्करवरद्वीपार्ध में मन्दर पर्वत | ७६२ ३७७ पुष्करोदसमुद्र का विष्कम्भ और परिधि पुष्करवरद्वीपार्ध में इषुकार पर्वत ७६५ ३७७ पुष्करोदसमुद्र के चार द्वार ८०० ३६० पुष्करवरद्वीपार्ध में चक्रवर्ति विजय और चारों द्वारों का अन्तर ८०१ ३६० उनकी राजधानियाँ ३७७ पुष्करोद समुद्र के नाम का हेतु ८०२ ३६० पुष्करवरद्वीपार्ध में दो सौ चार तीर्थ ३७७ पुष्करोदसमुद्र की नित्यता ३६१ पुष्करवरद्वीपार्ध में तुल्य महाद्रुम ७६८ ३७८ वरुणवर द्वीप वर्णन ८०४-८०७ ३६१-३६१ आभ्यन्तर पुष्करार्ध के नाम का हेतु ३७८ वरुणवरद्वीप का संस्थान ८०४ ३६१ अढाई द्वीप में तुल्य वर्ष ३७८ वरुणवर द्वीप का विष्कम्भ एवं परिधि अढाई द्वीप में तुल्य क्षेत्र ७७१ ३७६ वरुणवर द्वीप के नाम का हेतु ८०६ ३६१ अढाई द्वीप में तुल्य कुरा वरुणवर द्वीप की नित्यता ८०७ ३६२ अढाई द्वीप में तुल्य वर्षधर पर्वत ७७३ वरुणोद समुद्र वर्णन ८०८-८१०३९२-३६३ अढाई द्वीप में तुल्य वृत्तवताढ्य पर्वत ७७४ ३८१ वरुणोद समुद्र का संस्थान ८०८ ३६२ धातकीखण्डद्वीप (के पूर्वार्ध-पश्चिमाध) में ७७५ वरुणोद समुद्र के नाम का हेतु ८०६ ३६२ अढाई द्वीप में तुल्य वक्षस्कार पर्वत वरुणोद समुद्र की नित्यता ८१० ३६३ धातकीखण्डद्वीप के पूर्वार्ध में क्षीरवर द्वीप वर्णन ८११-८१३ ३६४-३६४ अढाई द्वीप में तुल्य दीर्घ वैताढ्य पर्वत क्षीरवर द्वीप का संस्थान ८११ ३६४ अढाई द्वीप में तुल्य गुफाएँ ७७६ ३८३ क्षीरवर द्वीप के नाम का हेतु ८१२ ३६४ अढाई द्वीप में तुल्य कूट ७८० ३८३ क्षीरवर द्वीप की नित्यता इसी प्रकार धातकीखण्डद्वीप के पूर्वार्ध और क्षीरोद समुद्र ८१४-८१६ ३६४-६५ पश्चिमाधं में क्षीरोद समुद्र का वर्णन अढाई द्वीप में तुल्य महाद्रह ८१४ ३६४ धातकी खण्डद्वीप के पूर्वार्ध और पश्चिमार्ध में ७८५ ३८६ क्षीरोद समुद्र के नाम का हेतु ८१५ ३६५ अढाई द्वीप में तुल्य महानदियाँ ७८६ . ३८६ क्षीरोद समुद्र की नित्यता ___८१६ ३६५ धातकीखण्डद्वीप के पूर्वार्ध में और घृतवर द्वीप ८१७-८१६ ३६६-३६६ ७८७ पश्चिमाध में ३८७ ८१७ घृतवर द्वीप का संस्थान ३६६ घृतवर द्वीप के नाम हेतु ८१८ वेदिका के मूल की चौड़ाई ३६६ ७८८ ३८७ सब द्वीप-समुद्रों की वेदिका का प्रमाण ७८६ ३८७ घृतवर द्वीप का नित्यत्व समय क्षेत्र ७६०-७९७ ३८८-३८९ घृतोद समुद्र ८३०-८३२ ३६७-३६८ समयक्षेत्र के स्वरूप का निर्देश ७६० ३८८ घृतोद समुद्र का संस्थान ८३० ३६७ समयक्षेत्र के आयामादि का प्रमाण ७६१ ३८८ घृतोद समुद्र के नाम का हेतु ८३१ ३६७ समयक्षेत्र में कुलपर्वत ३८८ घृतोद समुद्र की नित्यता ८३२ ३९८ ७७५ ३८२ ३८२ ३८४ W० ७६२
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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