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________________ ( १०२ ) ४६७ ४६७ २७६ ४५८ ४९९ ० ० ००९ २६८ सूत्रांक पृष्ठांक सूत्रांक पृष्ठांक एकशैल वक्षस्कार पर्वत पर चार कूट भरत और ऐरवत के दीर्घवताढ्य पर्वतों की गजदन्ताकार चार वक्षस्कार पर्वतों पर बत्तीस गुफाओं की समानता ४६३ २६४ चौदह प्रपातकुण्डगजदन्ताकार गन्धमादन वक्षस्कार पर्वत गंगा प्रपात कुण्ड का प्रमाण ४६५ २६४ पर सात कूट ४५४ २७८ गंगा प्रपातकुण्ड त्रिसोपान प्रतिरूपक. २६५. सिद्धायतन कूट की अवस्थिति और प्रमाण ४५५ २७८ त्रिसोपान प्रतिरूपकों के तोरण ४६७ २६५ गजदन्ताकार माल्पकार वक्षस्कार पर्वत पर सिन्धु प्रपातकुण्ड के प्रमाणादि २९६ नौ कूट ४५६ रक्ताप्रपातकुण्ड के प्रमाणादि २९६ सिद्धायतन कूट की अवस्थिति और प्रमाण ४५७ २७६ रक्तवतीप्रपातकुण्ड के प्रमाणादि ४६७ २६६. सागर कूट की अवस्थिति और प्रमाण २८० रोहिता प्रपातकुण्ड के प्रमाणादि ४६८ २६६ हरिस्सह कूट की अवस्थिति और प्रमाण ४५६ २८० रोहितांश प्रपातकुण्ड के प्रमाणादि २६७. हरिस्सह कूट के नाम का हेतु २८० सुवर्णकूला प्रपातकुण्ड के प्रमाणादि २६७. सौमनस वक्षस्कार पर्वत पर सात कूट ४६१ २८१ रुप्यकूला प्रपातकुण्ड के प्रमाणादि ४९९ २९७ विद्युत्प्रभ वक्षस्कार पर्वत पर नौ कूट ४६२ २८१ हरिकांत प्रपातकुण्ड के प्रमाणादि २६७. चौंतीस दीर्घ वैताढ्य पर्वतों पर तीन सौ छह हरिसलिला प्रपातकुण्ड के प्रमाणादिः २६७. कूट नरकान्ता प्रपातकुण्ड के प्रमाणादि २६७ भरतक्षेत्र में दीर्घ वैताढ्य पर्वत पर नौ कूट ४६३ २८२ नारीकान्ता प्रपातकुण्ड के प्रमाणादि ५.०० २६७. सिद्धायतन कूट की अवस्थिति और प्रमाण ४६४ सीता प्रपातकुण्ड के प्रमाणादि २६७. सिद्धायतन का प्रमाण ४६५ २८३ सीतोदाप्रपातकुण्ड के प्रमाणादि ५०१ दक्षिणार्ध भरतकूट की अवस्थिति और प्रमाण ४६६ २८४ जम्बूद्वीप के भरतादि क्षेत्रों में गंगाप्रपाता दि. दक्षिणार्ध भरतकूट के नाम का हेतु ४६७ २८५ प्रपातद्रह ५०२. २६८ दक्षिणार्ध भरता राजधानी की अवस्थिति और प्रपातकुण्डों में द्वीप तथा देवियों के भवन, ५०२ २६६. प्रमाण ४६८ २८५ गंगाद्वीप की अवस्थिति और प्रमाण २६६. शेष सब कूटों का संक्षिप्त वर्णन २८५ गंगा देवी के भवन के प्रमाणादि ५०४ २६६. राजधानियाँ २८६ गंगाद्वीप के नाम का हेतु ५०५. २६६. ऐरवत क्षेत्र में दीर्घ वैताढ्य पर्व पर नौ कूट ४७० २८६ सिन्धुद्वीप के प्रमाणादि ३०.. महाविदेह क्षेत्र के बत्तीस विजयों में बत्तीस रक्ताद्वीप के और रक्तबतीद्वीप के. प्रमाणादि. ५०७ वैताढ्य पर्वत पर दो सौ अठ्यासी कूट ४७० २८६ रोहिताद्वीप के प्रमाणादि ५०८प्रत्येक विजय में प्रत्येक दीर्घ वैताढ्य पर्वत रोहिता देवी के भवन के प्रमाणादि पर नौ-नौ कूट २८६ रोहितांस के प्रमाणादि नन्दनवन में नौ कूट ४८० २८७ सुवर्णकूलाद्वीप और रुष्यकूलाद्वीप के प्रमाणादि ५११ ३०१ भद्रशालवन में आठ दिशा हस्तिकूट २८६ हरिद्वीप के प्रमाणादि ५१२ ३०१ चार रुचक पर्वतों पर बत्तीस कूट २६१ हरिकान्ता द्वीप के प्रमाणादि ५१३ । ३०१ गुफा वर्णन नरकान्ताद्वीप और नारीकन्ताद्वीप के दीर्घवताढ्य की गुफा और गुफास्वामी प्रमाणादि ५१३ ३०१ देवों की संख्या . . २६३ शीताद्वीप के प्रमाणादि ५१३ ३०१ दोनों गुफाओं के स्थान और प्रमाण शीतोदद्वीप के प्रमाणादि ५१४. ३०१ शीता-शीतोदा महानदियों की उत्तर-दक्षिण गंगाकुण्ड के स्थान-प्रमाणादि ५१५' ३०२ दिशा स्थित पर्वत, गुफा और देव ४८६ ३६४ सिन्धुकुण्ड के स्थान-प्रमाणादि ५१६. ३०२: ४६६ ه ३०० mr m ४७१ m л л ४८८
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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