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________________ मुखमंडपों का प्रमाण प्रेक्षावर मंडपों का प्रमाण चैत्यस्तूपों का प्रमाण चार दिनप्रतिमायें वृक्षों का प्रमाण महिन्द्र ध्वजाओं का प्रमाण नन्दा पुष्करणियों का प्रमाण गोमानसिकाओं की संख्या माणवक चैत्य स्तम्भ गोल डिब्बों में जिन अस्थियाँ देव शय्या का वर्णन क्षुद्र (लघु) महिन्द्रध्वज का प्रमाण विजयदेव का चोपाल नामक शस्त्रागार सिद्धायतन का प्रमाण एक महान देवच्छन्दक एक सौ आठ जिन प्रतिमाओं का वर्णन एक महान उपपात सभा ह्रद का प्रमाण एक महा अभिषेक सभा विजयदेव का अभिषेक पात्र एक महान अलंकार सभा विजयदेव का अलंकार पात्र एक महान व्यवसाय सभा विजयदेव का एक महान पुस्तक रत्न एक महाबलिपीठ और उसका प्रमाण विजयदेव का इन्द्राभिषेक विजयदेव का पुस्तकरत्न वांचन विजयदेवकृत जिन प्रतिमा पूजन मनुष्यों की उत्पत्ति के स्थान जम्बूद्वीप के सात क्षेत्र जम्बूद्वीप के दस क्षेत्र जम्बूद्वीप का आयाम - विष्कम्भ और परिधि की "अपेक्षा से क्षेत्रों का तुल्यत्व सूत्रांक पृष्ठांक १३७ १६०. १६० १६१ १६१ १६१ १६२ १६३ १३८ १४२ १४४ १४६ १४६ १५१ सुधर्मा सभा में विजयदेव का सपरिकर बैठना विजयदेव के सामानिक देवों की स्थिति जम्बूद्वीप का वैजयन्त द्वार जम्बूद्वीप का जयन्त द्वार जम्बूद्वीप का अपराजित द्वार जम्बूद्वीप के एक द्वार से दूसरे द्वार का अन्तर २२६ सप्त वर्ष (क्षेत्र) वर्णन (ee) १५४ १६४ १५६ १६४ १५८ १६४ १६१ १६५ १६२ १६६ १६३ १६६ १६४ १६६ १६६ १६७ १६७ १६७ १७३ १६६ १७७ १६६ १७८ १७० १८१ १७० १८२ १७० १८३ १७० १८४ १७१ १८५ १७१ १७१ १९४ १७३ २०२ १८२ १८७ २०५ १८२ २१६ १८८ २२३ १८६ २२५ १८६ २२७ १६० २२८ १६० १६० २३० १६१ २३१ १.६१ २३४ १६२ २३५ די पन्द्रह कर्मभूमियाँ तीस अकर्मभूमियाँ छप्पन अन्तद्वीप: जम्बूद्वीप में तीन कर्मभूमियाँ जम्बूद्वीप में भरतवर्ष की अवस्थिति और प्रमाण २४५ जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र में दस राजधानियाँ २४६ भरतवर्ष के नाम का हेतु २४७ भरतवर्ष का शाश्वतपन मी २५० तापर्वत से भरतवर्ष के दो विभाग २५१ दक्षिणार्थ - भरतवर्ष की अवस्थिति और उसका सूत्रांक पृष्ठांक २३८ १६२ १.६३ १.६३ प्रमाण दक्षिणाधं - भरत के अनुपृष्ठ का आयाम दक्षिणार्ध - भरतवर्ष का आकारभाव २५२ २५५ २५६ दक्षिणार्ध - भरतवर्ष के मनुष्यों का आकार भाव २५७ उत्तरार्द्ध — भरतवर्ष की अवस्थिति और उसका २४० २४४ प्रमाण २५८ उत्तरार्ध - भरतवर्ष का आकार भाव २६२ उत्तरार्ध भरतवर्ष के मनुष्यों का आकार भाव २६३ ऐरवस वर्ष की अवस्थिति और प्रमाण २६४ २६५ २६६ २७१ २७२ २७३ २७४ मंगलावर्तविजय की अवस्थिति और प्र १९२ पुष्कलावर्तविजय की अवस्थिति तथा प्रमाण भरत और ऐरवत की जीवा का प्रमाण महाविदेहवर्ष का स्थान और प्रमाण महाविदेह का आकार भाव महाविदेह के मनुष्यों का आकार भाव महाविदेह वर्ष के नाम का हेतु महाविदेह की शाश्वतता जम्बूद्वीप में चौंतीस चक्रवर्ती विजय और राज'धानियाँ २७५ २७७ जम्बूद्वीप में बत्तीस चक्रवर्ती विजय राजधानियाँकच्छविजय की अवस्थिति एवं प्रमाण दक्षिणार्ध कच्छविजय की अवस्थिति और प्रमाण २७८ दक्षिणार्ध कच्छविजय का आकारों भोव २८० उत्तरार्ध कच्छविजय की अवस्थिति और प्रमाण २८१ कच्छविजय के नाम का हेतु 5 २८२ विजय के स्थिति २८३ महाकच्छविजय के स्थान अवस्थिति और प्रमाण २६४ कच्छंगावती विजय की अवस्थिति और प्रमाण २८५ आवर्तविजय की अवस्थिति और प्रमा २६६ २८८ १६५ १६६ १९६ १६६ १६७ १६७ १६७ १६८ १६८ १६८ १६६ १६६ १६६ २०० २०० २०० २०१ २०१ २०१ २०१ २०२. २०३. २०३. २०३ २०३ २०४ २०४. २०५. २०५. २०५. २०५.
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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